ईरान इन दिनों खुलकर पड़ोसी देशों पर हमला कर रहा है। उसने एक साथ पाकिस्तान, ईराक और सीरिया पर अटैक किया। ईरान की वायुसेना कमजोर है, लेकिन वह ड्रोन और मिसाइल के मामले में ताकतवर है।
ईरान के पास F-4, F-14A, Su-24MK, MiG-29A, F-5E,F-7 और Mirage F-1EQ जैसे 186 लड़ाकू विमान है। इसके अधिकतर फाइटर जेट पुराने हैं।
लड़ाकू विमानों की कमी को ईरान ने बेहद सक्षम ड्रोन बनाकर पूरी की है। ईरान के पास 1000 किलोमीटर तक मार करने वाले ड्रोन हैं।
ईरान की सबसे बड़ी ताकत उसके मिसाइल हैं। इसके पास 300 km से लेकर 2000 km तक मार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइल हैं।
ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल शहाब 1 का रेंज 300km, शहाब 2 का रेंज 500km, Qiam-1 का रेंज 750 km, फतेह-110 का रेंज 300-500km, Zolfaghar का रेंज 700km और शाहाब 3 का रेंज 2000km है।
शाहाब 3 के रेंज में रूस, तुर्की, मिस्र, भारत और चीन आते हैं। ईरान ने इन मिसाइलों का बड़ा जखीरा तैयार कर रखा है। वह अधिकतर हमले ड्रोन और मिसाइल से करता है।
ईरान की क्षमता उसके पड़ोसी देशों की कमजोरी पर फिट बैठती है। बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन को बेहतर एयर डिफेंस सिस्टम से रोका जा सकता है, लेकिन उसके पड़ोसी इस मामले में कमजोर हैं।
ईरान ने पाकिस्तान पर ड्रोन और मिसाइल से हमला किया तो पाकिस्तान का एयर डिफेंस इसे रोक नहीं पाया। इराक और सीरिया के पास तो पहले से ही एयर डिफेंस की क्षमता बेहद कम है।
ईरान के पास 50 मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल लांचर और 100 कम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल लांचर हैं। इसके पास विभिन्न रेंज के हथियारों के साथ अत्यधिक विकसित मिसाइल फोर्स है।
ईरान के पास 6.10 लाख सक्रिय और 3.50 लाख रिजर्व सैनिक हैं। इसके इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स में कम से कम 150,000 जवान हैं। आईआरजीसी के नौसैनिक बलों में 20,000 जवान हैं।
सैन्य क्षमता के साथ ईरान के पास विद्रोही गुटों का भी सपोर्ट है। ईरान, हमास से लेकर विद्रोही गुटों और हौथी विद्रोहियों तक कई आतंकवादी संगठनों की मदद करता है।