ईरान के पास सबसे खतरनाक हथियार बैलिस्टिक मिसाइलें हैं। मिडिल-ईस्ट में वह इकलौता ऐसा देश है, जिसके पास सबसे ज्यादा ये मिसाइले हैं, जो तमाम पश्चिमी देशों की चिंता की वजह हैं।
ईरान पर पश्चिमी देशों ने कड़े प्रतिबंध लगाए, जिसकी वजह से वह टैंक और फाइटर जेट डेवलप नहीं कर पाया है। वह मिसाइल से लेकर ड्रोन जैसे हथियारों का बड़ा हिस्सा खुद बनाता है।
उत्तर कोरिया, चीन, रूस पर ईरान को चोरी-छिपे हथियार देने का आरोप लगता है। आर्म्स कंट्रोल एसोसिएशन के अनुसार, उसकी ज्यादातर मिसाइल प्रोग्राम उत्तर कोरिया, रूस डिजाइन बेस्ड हैं।
मिडिल ईस्ट में ईरान के पास सबसे बड़ी सेना है। उसने तमाम हथियार भी बनाए लेकिन उसके पास इजराइल, अमेरिका और यूरोपीय देशों की तुलना में ज्यादा ट्रेंड सैनिक नहीं हैं, जो उसकी कमजोरी है।
एक्सपर्ट्स के अनुसार, ईरानी सेना की दूसरी सबसे बड़ी कमजोरी उसका एयरफोर्स है, जो इजराइल के आगे कहीं नहीं टिकता है। ईरान के पास जो एयरक्राफ्ट हैं, उनमें ज्यादातर 1941-1979 के हैं।
जानकारों का कहना है, ईरान के कई विमान सही तरह चलते नहीं,क्योंकि उनके स्पेयर पार्ट्स ही नहीं मिलते हैं। आखिरी बार उसने 1990 दशक में रूस से कुछ एयरक्राफ्ट खरीदे, जो ऑपरेशनल नहीं हैं।
विशेषज्ञों का कहना है, ईरान के टैंक, बख्तरबंद गाड़ियां काफी पुरानी हैं। उसके पास सैनिक नंबर भले ही ज्यादा हैं लेकिन टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस के फ्रंट पर इजराइल बहुत ज्यादा आगे है।