ईरान-इजरायल में चल रहे तनाव से दुनियाभर में तेल संकट गहराने की आशंका है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इजराइल का दोस्त अमेरिका ईरान के हमले का हिसाब चुकाने ईरान पर कड़ा एक्शन ले सकता है
अमेरिका में विपक्षी रिपब्लिकन पार्टी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रशासन पर दबाव बना रही है कि वह इजराइल पर ईरान के हमले के बाद ईरान पर कड़े प्रतिबंध लगाए।
ड्रॉनल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी की मांग है कि बाइडेन प्रशासन ईरान के ऑयल एक्सपोर्ट पर कड़ी पाबंदियां लगाए। रिप्लिकन पार्टी ईरान पर बैन लगाने बिल लाने पर विचार कर रही है।
रिपब्लिकन पार्टी का आरोप है कि बाइडन प्रशासन ने पाबंदियों में ढील देकर ईरान के लिए तेल बेचना काफी आसान बना दिया है, जिससे आतंकियों को पाला पोसा जा रहा है।
एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसकी गुंजाइश न के बराबर ही है कि बाइडन प्रशासन ईरान पर कोई सख्त पाबंदी लगाएगा। इससे उसका ही नुकसान हो सकता है।
एक्सपर्ट्स का कहना है अमेरिका में चुनाव होने वाले हैं।अगर ईरान के तेल एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध लगाता है तो यूएस ही नहीं बाकी दुनिया में महंगाई बढ़ जाएगी। बाइडेन ऐसा जोखिम नहीं चाहेंगे
ईरान से सबसे ज्यादा तेल चीन खरीदता है। डॉनल्ड ट्रंप के समय अमेरिका-चीन के संबंध खराब थे। बाइडेन के आने से इसमें कुछ सुधार हुआ। चीन को बाइडेन प्रशासन बेवजह नाराज नहीं करना चाहेगा।
ईरान का आरोप है कि इजरायल ने दमिश्क में उसके दूतावास पर हमला किया, जिसका बदला उसने लिया है। हालांकि, इजराइल इससे साफ मना कर रहा है। इसी को लेकर दोनों में तनाव है।