1979 में ईरानी क्रांतिकारियों ने अमेरिकी दूतावास को सीज कर दिया। इसके साथ ही वहां के शाह के प्रत्यर्पण की मांग करते हुए 52 लोगों को 444 दिनों तक बंधक बनाकर रखा।
ईरान के दश्त-ए-लुट रेगिस्तान में तापमान 70.7°C (159.3°F) तक चला जाता है, जो धरती पर सबसे गर्म जगहों में से एक है।
ईरान की 60% से ज्यादा आबादी 30 साल से कम उम्र की है, जो 1979 के बाद बड़े परिवारों को प्रोत्साहित करने वाली पॉलिसीज का नतीजा है।
ईरान में कई ग्लोबल सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर बैन हैं। इसके चलते वहां के लोग बड़े पैमाने पर VPN का इस्तेमाल कर रहे हैं। इससे लोगों की ऑनलाइन पहचान उजागर नहीं होती है।
ईरान में समलैंगिक कृत्यों के लिए मौत की सजा दी जाती है। हालांकि, वहां सेक्स चेंज ऑपरेशन लीगल हैं।
ईरान को 'नोज जॉब कैपिटल' भी कहते हैं। यहां हर साल बड़ी संख्या में राइनोप्लास्टी (नाक की सर्जरी) की जाती है।
ईरान की सरकार एक इस्लामिक रिपब्लिक है, जहां धार्मिक नेताओं के पास ही सारी ताकत है। ये ईरान के कानूनों और नीतियों पर भी सीधा दखल रखते हैं।
ईरान में पूरी दुनिया का 90% से ज्यादा केसर पैदा होता है। केसर की ऊंची कीमत के चलते इसे 'लाल सोना' भी कहा जाता है।
ईरान में थम्स-अप साइन यानी अंगूठे के निशान को उसी तरह अपमानजनक माना जाता है, जैसे वेस्टर्न कंट्रीज में बीच वाली उंगली को।
ईरान-इराक युद्ध (1980-1988) में करीब 10 लाख ईरानी लोगों की जान गई थी। इस जंग में दोनों पक्षों के लोग बड़ी संख्या में मारे गए थे।