हिज्बुल्लाह-हमास दो तरफ से इजराइल को उलझाए रखते हैं। दुनिया के 10 सबसे अमीर आतंकी संगठनो में शामिल फिलिस्तीन इस्लामिक जिहाद जैसे कई आतंकी संगठन भी इनके लिए काम करते हैं।
6 से 10 किमी चौड़ाई और 45 किमी लंबाई वाले गाजा पट्टी पर शासन करने वाला हमास इतने मजबूत इजराइल से इशलिए लड़ पाता है, क्योंकि उसे खून बहाने के पैसे दूसरे देशों से मिलते हैं।
हमास को फिलिस्तीन की आजादी और गाजा में मानवीय मदद के नाम पर दुनियाभर से पैसा मिलता है। जिसे वह चैरिटी के नाम पर जुटाता है। उसने ग्लोबल फाइनेंसिंग नेटवर्क बना रखा है।
हमास को सिर्फ बैंक से नहीं बल्की क्रिप्टोकरंसी के जरिए पैसा पहुंचता है। दिसंबर 2021 से अप्रैल 2023 तक इजराइली सरकार ने करीब 190 क्रिप्टो अकाउंट ब्लॉक किए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, हमास के क्रिप्टो अकाउंट में 2020 से 2023 तक 4 करोड़ डॉलर से ज्यादा क्रिप्टोकरेंसी आई। ब्लॉकचेन रिसर्चर्स TRM लैब्स ने बताया मई 2021 बाद 4 लाख डॉलर क्रिप्टो मिली
हमास गाजा की मदद के नाम पर दुनिया से मदद लेता है। उन्हीं गाजा के लोगों से गाजा की सुरंगों से सामान ले जाने के एवज में 30% तक लेवी वसूलता है। उसे इससे 30 करोड़ डॉलर प्राप्त होता है।
अमेरिकी गृह विभाग की 2021 की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान हर साल फिलिस्तीनी आतंकी संगठनों को 10 करोड़ डॉलर मदद देता है। सबसे ज्यादा मदद हमास और इस्लामिक जिहाद को मिलती है।
गाजा के लोगों की मदद के लिए जितना पैसा पहुंचता है, उससे हमास के सभी आका लग्जरी लाइफ जीते हैं। उनसे ज्यादातर बड़े नेता कतर, तुर्किए और ईरान में अमीरों की तरह जीते हैं।
एक अनुमान के मुताबिक, हमास के सर्वोच्च नेता इस्माइल हानिया और खालिद मशाल के पास 400 करोड़ डॉलर और अबू मरजुक के पास करीब 300 करोड़ डॉलर की संपत्ति है।