रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड के लड़ाकों को चुन-चुनकर खत्म कर रहा है। इन्हें नुकभा भी कहते हैं, जो हमास के राइट हैंड माने जाते हैं।
नुकभा पहले भी इजरायल पर अटैक कर चुका है। इस बार उसका हमला ज्यादा विनाशकारी हुआ है। नुकभा की तुलना देश की सेना और कमांडो से की जाती है। उनकी ट्रेनिंग भी उसी तरह होती है।
इजराइल पर हमला करने वाला हमास एक आतंकी संगठन माना जाता है। जबकि नुकभा लड़ाके हमास के लड़ाकू विंग के सदस्य हैं, जो किसी भी युद्ध की अगुवाई करते हैं।
नुकभा के लड़ाकों को कठिन ट्रेनिंग दी जाती है। उन्हें विस्फोटकों, हाईटेक हथियार, टेक्नोलॉजी, स्कूबा डाइविंग, पानी के अंदर तक युद्ध करने तक की ट्रेनिंग दी जाती है।
हमास अपने लड़ाकू विंग इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड की भर्ती करता है। रैंकों वाइज उनकी नियुक्ति होती है। घर के अंदर के अलावा उन्हें विदेश से भी ट्रेनिंग मिलती है।
हमास लड़ाकों को खास तरह की ट्रेनिंग दी जाती है ताकि वे हर चीजों में सक्षम हों। युद्ध में शामिल होने के बाद नुकभा लड़ाके उसे अंजाम देने की कोशिश करते हैं।
इज अल-दीन अल-कसम ब्रिगेड का नाम एक सीरियाई लड़ाके से आया है। जिसे 1935 में ब्रिटिश सेना मारा था। इस ब्रिगेड की स्थापना साल 1992 में की गई थी।
हमास में दोहरी संगठनात्मक संरचना है। इसमें राजनीतिक ब्यूरो और सुरा परिषद हैं। राजनीतिक ब्यूरो संगठन के अंदर सर्वोच्च अधिकार रखता है। इसका मुख्यालय कथित तौर पर कतर में है।
हमास में प्रशासनिक तौर से सैन्य विंग का चौथा स्थान है लेकिन किसी युद्ध में उनकी भूमिका प्रमुख होती है। ये नेतृत्व से स्वतंत्र तौर पर काम करते हैं। इजराइल इसे खत्म करना चाहता है।