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अपने ही घर में घिरे खालिस्तानी हमदर्द, क्यों खस्ता हुई ट्रुडो की हालत

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घरेलू मुद्दों और विदेश नीति दोनों मोर्चों पर घिरे जस्टिन ट्रुडो

कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रुडो इस समय घरेलू मुद्दों और विदेश नीति दोनों मोर्चों पर घिरे गए हैं। भारत के साथ बिगड़ते संबंधों की वजह से उन्हें अपने ही देश में नाराजगी झेलनी पड़ रही है।

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विपक्षी नेताओं ने ट्रुडो से मांगा इस्तीफा

आगामी चुनाव के लिए हुए जनमत सर्वे में वो बुरी तरह पिछड़ रहे हैं। इसके चलते विपक्षी नेता जहां उनसे इस्तीफा मांग रहे हैं, वहीं उनकी ही पार्टी के कई लोग उनके खिलाफ हो गए हैं।

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ट्रुडो की लिबरल पार्टी से आगे चल रही कंजर्वेटिव पार्टी

हाल ही में हुए सर्वे से पता चला है कि ट्रुडो की लिबरल पार्टी के मुकाबले पियरे पोइलिवरे के नेतृत्व वाली कंजर्वेटिव पार्टी 10 से 15 प्वाइंट आगे चल रही है।

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कंजर्वेटिव की बढ़त जारी रही तो ट्रुडो की हार तय

कंजर्वेटिव पार्टी जिस तरह हर क्षेत्र में आगे निकल रही है, अगर ये बढ़त चुनाव तक जारी रही तो ट्रुडो की हार और कंजर्वेटिव की बहुमत वाली सरकार बनना तय है।

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जनता के मन से पूरी तरह उतर चुके ट्रुडो

कनाडा में विपक्ष का कहना है कि जस्टिन ट्रुडो जनता के मन से पूरी तरह उतर चुके हैं और इस बार जनता उन्हें सत्ता से बाहर कर देगी।

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8 साल में जस्टिन ट्रुडो के लिए सबसे मुश्किल दौर

बता दें कि जस्टिन ट्रुडो सत्ता में आने के बाद पिछले 8 साल के दौरान सबसे मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। हालांकि, अभी उनका कार्यकाल 2025 तक है।

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क्यों बिगड़े भारत-कनाडा के रिश्ते?

बता दें कि खालिस्तान का समर्थन करने वाले जस्टिन ट्रुडो ने आतंकी निज्जर की हत्या का आरोप भारत पर मढ़ा है। इसके बाद से ही भारत-कनाड़ा के संबंध काफी हद तक बिगड़ चुके हैं।

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