मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने भारत से कहा है कि अपने सैनिकों को वापस बुला लें। चीन समर्थक माने जाने वाले मुइज्जू ने इसको लेकर चुनाव में वादा किया था।
मालदीव में भारत ने कोई सैन्य अड्डा नहीं बना रखा है, जिसे खाली करना हो। वहां सिर्फ 70 सैनिकों को रखा गया है वह भी मालदीव की मदद करने के लिए।
भारत ने मालदीव को रडार और निगरानी विमान दिए थे। भारतीय सैनिक इन्हें ऑपरेट करते हैं। इसके साथ ही भारत के युद्धपोत मालदीव के समुद्र में निगरानी में मदद करते हैं।
भारत ने मालदीव को दो ध्रुव एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और एक डोर्नियर विमान दिया है। भारतीय सैनिकों द्वारा इन्हें ऑपरेट किया जाता है। भारत मालदीव की सेना को ट्रेनिंग भी देता है।
भारतीय मालदीव को नशीली दवाओं की तस्करी के खिलाफ लड़ाई में मदद करते हैं। इसके साथ ही कहीं दूर के इलाके में कोई बहुत बीमार हो जाए तो हेलीकॉप्टर व विमान की मदद से उसकी जान बचाते हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि पांच साल में भारतीय जवानों ने मेडिकल इवैकुएशन कर मालदीव के 523 लोगों की जान बचाई।
भारत मालदीव को अपनी रक्षा करने में भी मदद कर रहा है। पिछले पांच साल में मालदीव के समुद्री क्षेत्र की सुरक्षा के लिए 450 से अधिक मिशन चलाए गए हैं।
मालदीव हिंद महासागर में स्थित छोटा द्वीप देश है, लेकिन इसका सामरिक महत्व बहुत अधिक है। चीन की नजर इस देश पर है। भारतीय सैनिकों के निकाले जाने से उसे लाभ होगा।