हथियारों के मामले में ईरान और इजराइल दोनों एक-दूसरे से कम नहीं हैं। ईरान के हमले के बाद अब इजराइल ने पलटवार किया है। ईरान दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक है।
40 से 70 दशक तक ईरानी महिलाएं हाई मॉर्डन क्लास जैसी रहती थीं। स्कर्ट, हाई हील्स पहनती, लेट लाइट पार्टीज करती थीं। 1941 में राजा मोहम्मद रजा ने महिलाओं को काफी छूट दी थीं।
1979 में इस्लामिक क्रांति के बाद अयातुल्ला खुमैनी ने महिलाओं को सरकारी भवनों में घूंघट लेने को कहा। जिसका विरोध भी हुआ लेकिन यहीं से ईरान कट्टरता की ओर बढ़ चला।
ईरान में आज महिलाओं के लिए सिर के बाल से लेकर कपड़ों तक के कठोर नियम हैं। जिनका पालन बाहर निकलने पर किया जाता है। बुर्का न पहनने पर फाइन देना और जेल जाना पड़ता है।
ईरानी महिलाएं अगर सार्वजनिक जगहों पर खराब कपड़े पहनकर जाती हैं तो फोर्थ डिग्री सजा दी जाती है। दंड संहिता के अनुसार, 5-10 साल की जेल या 360 मिलियन रियाल यानी 3-6 लाख का जुर्माना।
1941 से 1953 तक ईरान में संवैधानिक राजतंत्र था। तब राजा शाह मोहम्मद रजा पहलवी राष्ट्रप्रमुख थे। ईरान उस समय आधुनिकता और जीवनशैली में यूरोप के कई देशों से भी आगे कहा जाता था।
1978-79 में इस्लामिक क्रांति हुई, तब ईरान की सत्ता से शाह रजा पहलवी को ईरान छोड़ भागना पड़ा। अयातुल्ला खोमैनी धार्मिक प्रमुख बने और वहां इस्लामिक संस्कृति कट्टरता को बढ़ावा मिला।