रामनवमी का त्योहार अयोध्या समेत पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे रामलला का सूर्य तिलक से अभिषेक किया गया।
कभी भारत का ही हिस्सा रहे पड़ोसी पाकिस्तान में भगवान राम का एक ऐसा मंदिर है, जहां आजादी के 76 साल बाद भी हिंदुओं को पूजा करने की इजाजत नहीं है।
पाकिस्तान में भगवान राम का ये मंदिर राजधानी इस्लामाबाद में है। मरगला हिल्स स्थित इस मंदिर को राम कुंड मंदिर भी कहा जाता है। इस मंदिर का निर्माण 16वीं शताब्दी में हुआ था।
भारत में अल्पसंख्यकों पर ज्ञान देने वाले पाकिस्तान में माइनॉरिटीज और उनके अधिकारों की हालत क्या है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि इस मंदिर में हिंदुओं का जाना वर्जित है।
इतना ही नहीं, मंदिर के भीतर से भगवान राम की मूर्तियों को भी हटा दिया गया है। पाकिस्तान का ये राम मंदिर अब सिर्फ टूरिज्म स्पॉट बनकर रह गया है।
इस्लामाबाद के पास मरगला की पहाड़ियों में स्थित इस मंदिर से लगा एक कुंड है, जिसे रामकुंड कहते हैं। मान्यता है कि भगवान राम वनवास के दौरान यहां रुके थे और इसी कुंड से पानी पिया था।
इस्लामाबाद में स्थित ये प्राचीन मंदिर लाल पत्थरों से बना है। मंदिर के सामने एक आंगन है, जिसके बीचोबीच बड़ा-सा चबूतरा है। इसी के ऊपर राम, सीता और लक्ष्मण की मूर्तियां रखी गई थीं
1947 में पाकिस्तान अलग होने के बाद से हिंदुओं को इस मंदिर में पूजा करने से रोक दिया गया। 1960 में जब इस्लाबाद बसा तो इस मंदिर में गर्ल्स स्कूल खोल दिया गया।
पाकिस्तान के हिंदुओं ने लगातार इसका विरोध किया तो बाद में 2006 में स्कूल को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया। लेकिन इसके बाद भी वहां हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति नहीं दी गई।