ईरान और इजरायल के बीच जंग शुरू हो चुकी है। ईरान द्वारा इजराइल पर 300 मिसाइलें दागने के बाद अब इजराइल उसे करारा जवाब देने की तैयारी कर चुका है।
इसी बीच, सबसे बड़ा सवाल ये है कि इजराइल-ईरान के युद्ध में आखिर भारत किसका साथ देगा। क्योंकि, भारत के दोनों ही देशों से अच्छे संबंध हैं।
ईरान के साथ भारत की पुरानी दोस्ती होने के साथ ही दोनों देशों में कारोबार भी अच्छा है। वहीं, इजराइल वो देश है जो भारत को बड़ी मात्रा में हथियार देता है।
बता दें कि इजराइल हमेशा ही आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा रहा है। 2008 में जब मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था, तब भी इजरायल ने भारत का सपोर्ट किया था।
वहीं, भारत ईरान से कच्चा तेल खरीदता है। भारत अपनी खपत का करीब 84% कच्चा तेल आयात करता है और इसमें में 10 फीसदी तेल ईरान से ही आता है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत हर साल करीब 86,082 करोड़ रुपये का कच्चा तेल ईरान से खरीदता है। वहीं, ईरान भारत से 24 हजार करोड़ रुपये का सामान खरीदता है।
ऐसे में भारत दोनों ही देशों से अपने रिश्ते खराब नहीं करना चाहेगा। एक्सपर्ट्स का मानना है कि ईरान-इजराइल जंग के हालातों में भारत अपने आप को तटस्थ रखना चाहेगा।
मतलब ये कि भारत न तो इजराइल का सपोर्ट करेगा और ना ही ईरान का। लेकिन फिर भी अगर दोनों में से किसी एक को चुनना ही पड़ा तो भारत उसे चुनेगा, जहां नुकसान कम हो।