इजराइल-हमास युद्ध को 12 दिन हो चुके हैं, लेकिन जंग थमने का नाम नहीं ले रही है। 7 अक्टूबर को हमास के हमले के बाद इजराइल ने तो उसके खात्मे की कसम खा ली है।
ऐसे में गाजा के लोगों की जिंदगी और उन्हें युद्ध से बचाने के लिए अब एक ही रास्ता बचा है, जिसे रॉफा क्रॉसिंग बॉर्डर कहते हैं।
बता दें कि हमास के खात्मे के लिए इजराइल ने गाजा के सभी बॉर्डर सील कर दिए हैं। साथ ही खाने-पीने की चीजों, ईंधन और बिजली सप्लाई भी रोक दी है।
इजराइल ने हमास के खात्मे की कसम खा रखी है। चूंकि पूरे गाजा पर हमास का कब्जा है। ऐसे में गाजावासियों के पास अब अपनी जान बचाने का सिर्फ एक ही रास्ता रॉफा क्रॉसिंग बचा है।
रॉफा क्रॉसिंग बॉर्डर मिस्र (Egypt) के सिनाई से जुड़ा हुआ है। यहां से फिलिस्तीन नागरिक गाजा छोड़कर मिस्र में जाकर अपनी जान बचा सकते हैं। लेकिन फिलहाल मिस्र ने इसे बंद कर रखा है।
गाजा पट्टी 3 तरफ से इजरायल, मिस्र और भूमध्य सागर से घिरी है। गाजा पर वैसे तो हमास का शासन है, लेकिन जमीन और समुद्र के रास्ते यहां आने के लिए इजराइल और मिस्र से परमिशन लेनी होती है।
जमीन पर गाजा के 3 बॉर्डर हैं, जिनमें करीम अबू सलेम, इरेज क्रॉसिंग और रॉफा क्रॉसिंग हैं। करीम अबू सलेम और इरेज क्रॉसिंग पर इजरायल का कंट्रोल है, लेकिन रॉफा पर मिस्र का नियंत्रण हैं।
ऐसे में फिलिस्तीनियों को गाजा छोड़ने के लिए रॉफा क्रॉसिंग ही एकमात्र रास्ता बचा है। संयुक्त राष्ट्र इजिप्ट पर दबाव बना रहा है कि वो मानवता के लिए रॉफा क्रॉसिंग खोल दे।
हालांकि, मिस्र पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहा है। ऐसे में वो किसी भी हाल में फिलिस्तीनी शरणार्थियों को अपने देश में शरण नहीं देना चाहता है।