दक्षिण कोरिया में कुत्ते का मांस संवेदनशील विषय है। इस अमीर देश ने कुत्ते का मांस खाने से हो रही बदनामी रोकने के लिए इसपर बैन लगाने का फैसला किया है। इसके लिए कानून बनाया गया है।
"क्या आप कुत्ता खाते हैं?" यह सबसे विवादास्पद प्रश्नों में से एक है जिसे कोई विदेशी दक्षिण कोरिया में पूछता है। कुत्ते का मांस ज्यादातर दक्षिण कोरिया के बुजुर्ग खाते हैं।
इस तरह के सवालों को रोकने के लिए दक्षिण कोरिया की सरकार ने 2027 तक मांस के लिए कुत्तों के प्रजनन, वध, वितरण और बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक नया कानून पास किया है।
नए नियम को लेकर सवाल भी उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि इससे सदियों पुरानी प्रथा खत्म हो जाएगी। सस्ता होने के चलते पहले दक्षिण कोरिया में अधिक लोग कुत्ता खाते थे।
19वीं सदी में यह देश अभी की तरह अमीर नहीं था। प्रोटीन के स्रोत के रूप में कुत्ते का मांस कोरियाई लोगों के लिए अच्छे विकल्पों में से एक था। सभी वर्ग के लोग इसे खाते थे।
किसी भी अन्य मांस की तरह, इसके बहुत पसंद किए जाने वाले व्यंजन सामने आए। जैसे कुत्ते के मांस का सूप और उबले हुए कुत्ते के मांस के टुकड़े।
दक्षिण कोरिया के बुजुर्ग अभी भी इसके गुणों की तारीफ करते हैं। कहते हैं कि यह स्वादिष्ट और पचाने में आसान है। इससे ऊर्जा मिलती है।
दक्षिण कोरिया के समृद्ध बनने के बाद यहां के लोगों ने कुत्ते का मांस खाना कम कर दिया है। पिछले साल के गैलप पोल के अनुसार पिछले 12 महीनों में केवल 8% लोगों ने कुत्ते का मांस खाया था।
यह 2015 में 27% से काफी कम है। दक्षिण कोरिया में अब लगभग 3,000 कुत्ता प्रजनन फार्म हैं। 2010 की शुरुआत में इनकी संख्या करीब 10,000 थी।