वर्ष 1964 में अमेरिका के अलास्का में भूकंप में तबाही मचा दी थी। भूकंप की तीव्रता 9.2 आंकी गई थी। उस दौरान पृथ्वी लगभग तीन मिनट तक हिलती रही थी और हजारों जानें गई थीं।
फ्रांस के हैती में 2010 को भयंकर भूकंप आय़ा था। इसकी तीव्रता 7.0 आंकी गई थी। इसमें तकरीबन 3 लाख 16 हजार लोगों की जान गई थी। भूकंप से अस्सी हजार भवन ढह गए थे।
वर्ष 1960 में चिली में भूकंप ने 1655 लोगों की जान ले ली थी। इसमें लगभग तीन हजार लोग घायल हुए थे। करीब बीस लाख लोगों को विस्थापित करना पड़ा था। आभूकंप की तीव्रता 9.5 दर्ज की गई थी।
भारत के गुजरात में भुज में भूकंप ने तबाही मचाई थी। इसकी तीव्रता 7.7 आंकी गई थी। कच्छ और भुज में करीब तीस हजार से ज्यादा लोगों की जान गई थी। डेढ़ लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए थे।
इंडोनेशिया के सुमात्रा में 2012 में भूकंप में कई शहर बर्बाद किए थे। इसकी तीव्रता 8.6 दर्ज की गई थी। इस भूकंप में 2, 27,898 लोगों की मृत्यु हुई थी।
वर्ष 2011 में जापान के फुकुशिमा में भूकंप आय़ा था। इसमें 18 हजार से अधिक लोगों की जान चली गई थी। भूकंप के कारण शहर के शहर तबाह हो गए थे।
वर्ष 2015 नेपाल में भूकंप से करीब आठ हजार लोगों की मौत हो गई थी। यहां भूकंप की तीव्रता 8.1 मापी गई थी। इस दौरान कई भवन देखते ही देखते धराशाई हो गए थे।
पाकिस्तान के क्वेटा शहर में 2005 मे भूकंप ने तबाही मचाई थी। इस दौरान 75 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी। 80 हजार लोग घायल हुए थे। भूकंप की तीव्रता 7.6 दर्ज की गई थी।
अफ्रीका के मोरक्को में आए भूकंप से दो हजार लोगों की मौत हुई थी। हालांकि अभी भी आंकड़ा स्पष्ट नहीं है। कई हजार लोग अभी भी लापता हैं।
11 अगस्त 2012 ईरान के शहर तबरीज में 6.3 और 6.4 की तीव्रता वाले दो भूकंपों से 306 लोगों की मौत हुई थी। तीन हजार से ज्यादा लोग जख्मी भी हुए थे।