सार

आसियान देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 नवंबर से 4 नवंबर तक थाईलैंड में रहेंगे। इस मौके पर हम थाईलैंड के राजपरिवार से जुड़ी पिछले महीने हुई एक बड़ी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं। यह घटना वर्ल्ड मीडिया में सुर्खियों में रही थी। 

हटके डेस्क। आसियान देशों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2 नवंबर से 4 नवंबर तक थाईलैंड में रहेंगे। इस मौके पर हम थाईलैंड के राजपरिवार से जुड़ी पिछले महीने हुई एक बड़ी घटना के बारे में बताने जा रहे हैं। यह घटना वर्ल्ड मीडिया में सुर्खियों में रही थी। थाईलैंड के राजा महा वाचिरालोंगकोंन ने अपनी एक प्रमुख सहयोगी  सिनिनात वोंग वचिरापाक से सारे अधिकार छीन लिए थे और उन्हें पद से हटा दिया था। बता दें कि राजा ने सिनिनात वोंग को इसी साल जुलाई में नियुक्त किया था और उन्हें काफी अधिकार दिए थे। राजा से उनकी नजदीकी भी काफी थी। लेकिन उनसे मिलिट्री रैंक, सम्मान और शाही खिताब वापस ले लिया गया। इसके पीछे वजह बताई गई कि वह महत्वाकांक्षी थीं और खुद रानी बनना चाहती थीं। इसके लिए उन्होंने साजिश करनी शुरू कर दी थी। 

रॉयल नोबल कॉन्सर्ट का मिला था अवॉर्ड
सिनिनात वोंग वचिरापाक को थाईलैंड की राजशाही के 100 साल के इतिहास में पहली बार रॉयल नोबल कॉन्सर्ट का पद दिया गया था। उन्हें सेना में मेजर जनरल का रैंक हासिल था और वह राजा की बॉडीगार्ड व नर्स भी थीं। लेकिन उनके व्यवहार को रानी सुदिता के प्रति अपमानजनक माना गया, जिनसे राजा ने मई में ही शादी की थी। 41 वर्षीय सुदिता राजा की चौथी पत्नी थीं। वह राजा की बॉडीगार्ड यूनिट की डिप्टी चीफ होने के साथ ही फ्लाइट अटेंडेट भी थीं। विवाह के पहले वर्षों तक उन्हें राजा के काफी करीब देखा जाता था। थाईलैंड के रॉयल कमांड ने जानकारी दी कि सिनिनात उनकी जगह लेना चाहती थीं, इसलिए उन्हें हटा दिया गया।

सिनिनात ने आर्मी कॉलेज से किया था ग्रैजुएशन
26 जनवरी, 1985 को थाईलैंड के उत्तरी प्रांत में जन्मीं सिनिनात ने 23 साल की उम्र में रॉयल थाई आर्मी नर्सिंग कॉलेज से ग्रैजुएशन किया था। उन्होंने थाईलैंड और विदेश में पायलट का भी प्रशिक्षण लिया था। इस साल मई में हुए तीन दिवसीय राज्याभिषेक सामारोह के दौरान सिनिनात को मिलिट्री वर्दी में मार्च करते हुए देखा गया था। कहते हैं कि राजा का सिनिनात पर बहुत भरोसा था, लेकिन वे उन्हें पत्नी का दर्जा नहीं देना चाहते थे। सिनिनात चाहती थीं कि उन्हें रानी का दर्जा मिले। 

सुदिता से राजा की शादी का किया था विरोध
सिनिनात भी राजा के काफी करीब थीं। रॉयल गजट के अनुसार, जब मई में सुदिता से राजा की शादी होने की बात तय हुई तो सिनिनात ने इसका हर संभव विरोध किया और शादी नहीं करने का राजा पर दबाव बनाया। स्टेटमेंट में कहा गया कि संभवत: राजा ने यह सोच कर सिनिनात को रॉयल कॉन्सर्ट का पद दिया कि इससे वह संतुष्ट हो जाएंगी। लेकिन वह रानी के खिलाफ साजिशों में लगी रहीं। स्टेटमेंट में कहा गया कि सुदिता से राजा की शादी के बाद भी सिनिनात हर महत्वपूर्ण राजकीय समारोह में बतौर गेस्ट शामिल रहती थीं। आखिरकार, उनकी साजिशों से तंग आकर राजा ने उनसे सारी पदवी और अधिकार छीन लिए। बता दें कि वाचिरालोंगकोंन साल 2016 में अपने पिता की मृत्यु के बाद राजगद्दी पर बैठे थे।