सार
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति देश के आम नागरिकों को जागरूक करना था।
नई दिल्ली. राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के स्वच्छ भारत के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। इसका मुख्य उद्देश्य स्वच्छता के प्रति देश के आम नागरिकों को जागरूक करना था। यह अभियान देखते ही देखते जनआंदोलन बन गया। पिछले पांच साल की बात करें तो देश में काफी सुधार हुआ है, लेकिन हम अभी उस उद्देश्य तक नहीं पहुंचे हैं, जिसके लिए ये शुरू किया गया था। हम दुनिया के पांच सबसे साफ शहरों के बारे में बता रहे हैं और ये भी बता रहे हैं कि स्वच्छता के लिए इन शहरों में कौन-कौन से कदम उठाए गए।
1- रेकजाविक, आइसलैंड
आइसलैंड की राजधानी रेकजाविक दुनिया की सबसे साफ जगह है। यहां हवा की गुणवत्ता 87.50 है। इस शहर में प्रदूषण का नाम तक नहीं हैं।
क्या कदम उठाए गए... इस शहर में लोग गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों जैसे जियोथर्मल एनर्जी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। शहर की बिजली और गर्मी प्रदान करने वाले सिस्टम भी इसी एनर्जी से चलते हैं। यहां 90 फीसदी बिजली गैर-पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से प्राप्त की जाती है। यह शहर आर्कटिक की ठंडी हवाओं के बीच घिरा है। यहां लोगों ने विकास के नाम पर पर्यावरण के साथ समझौता नहीं किया। यही कारण है कि ये शहर सबसे साफ है।
2- ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड
स्विट्जरलैंड का यह शहर विश्वभर के पर्यटकों की पसंद बना हुआ है। यह शहर दुनिया के सबसे कम प्रदूषित शहरों में है। प्राकृतिक सौंदर्य की छवि को साफ बनाए रखने के लिए यहां के नागरिकों का भी काफी योगदान है।
क्या कदम उठाए गए... शहर की आबादी करीब 4 लाख है। यहां शहर में पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए इको फ्रेंडली सिस्टम है। यहां के लोग प्राकृति के प्रति भी काफी सजग हैं। इसलिए इस सौंदर्य का रखरखाव और कुशल प्रबंधन भी किया जाता है। यहां के लोग रिन्यूएबल एनर्जी पर काफी निर्भर हैं, ये प्रदूषण मुक्त होने का सबसे बड़ा कारण है।
3- हेलसिंकी, फिनलैंड
फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी दुनिया में सबसे कम प्रदूषण वाली जगहों में एक है। यहां की हवा काफी साफ है। शहर की आबादी 6.5 लाख है।
क्या कदम उठाए गए... 1960 के दशक में हेलसिंकी की आबादी में काफी इजाफा हुआ था। लेकिन इसके बाद यहां जब रहने के लिए जगह कम पड़नी लगी तो लोगों ने आसपास के शहरों की ओर विस्थापन करना शुरू कर दिया। हेलसिंकी में लोग चार पहिया के बजाय साइकिल का उपयोग ज्यादा करते हैं। यहां प्रति 1000 व्यक्ति पर 390 कारें हैं। जो अन्य शहरों की तुलना में काफी कम हैं।
4- वेलिंग्टन, न्यूजीलैंड
दुनिया के सबसे साफ शहरों में न्यूजीलैंड का वेलिंग्टन भी शामिल है। यहां प्रदूषण ना के बराबर है। यहां के लोगों की गिनती दुनिया के सबसे स्वस्थ लोगों में होती है।
क्या कदम उठाए गए...शहर की प्राकृतिक बनावट सफाई का सबसे बड़ी वजह है। यहां के लोग खुद सफाई करने में विश्वास रखते हैं। जहां भी गंदगी दिखती है, लोग इसे साफ कर देते हैं। शहर की कम आबादी भी शहर के साफ होने की बड़ी वजह है।
हैमबर्ग, जर्मनी
हरित ऊर्जा के मामले में जर्मनी दुनिया में सबसे आगे है। हैमबर्ग जर्मनी का दूसरा सबसे बड़ा शहर है। हैमबर्ग ने लक्ष्य रखा है कि 20150 तक हानिकारक उत्सर्जन करने वाले माध्यमों को 2050 तक 80% कम कर दिया जाएगा।
क्या कदम उठाए गए... हैमबर्ग में ग्रीन नेटवर्क बनाया गया है। इससे कारों का इस्तेमाल कम करना पड़ता है। इसी वजह से यहां हानिकारक गैसों का उत्सर्जन कम है।