सार

जर्मनी में 5,000 साल पुराना कांस्य युग का आबादी वाला क्षेत्र खोजा गया है। यह क्षेत्र राजा हिन्ज़ के ट्रिपल कब्र के पास स्थित है और इसमें आठ घर और एक बड़ा हॉल शामिल हैं। शोधकर्ताओं का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण यह क्षेत्र छोड़ दिया गया होगा।

दो विश्वयुद्ध झेल चुकी ज़मीन है जर्मनी की। लेकिन, इतने समय तक बिना किसी नुकसान के एक खजाना जर्मन धरती में सुरक्षित रहा। लगभग 5,000 साल पुराने कांस्य युग में सक्रिय रूप से उपयोग किए जाने वाले घरों और हॉलों वाला एक आबादी वाला क्षेत्र खोजा गया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उत्तर और पूर्व के बीच उस समय का एक प्रमुख व्यापारिक मार्ग रहा होगा, लेकिन जलवायु परिवर्तन के कारण बाद में इसे छोड़ दिया गया होगा। 

यह क्षेत्र बर्लिन से 95 मील (150 किलोमीटर) उत्तर-पश्चिम में है। उस समय के शासक राजा हिन्ज़ के "ट्रिपल कब्र" (Triple grave) के पास ही यह नई खोज हुई। यहाँ से आठ घर और एक हॉल मिला है। राजा हिन्ज़, उनकी पत्नी और उनके एक वफादार नौकर को एक साथ दफनाया गया था, इसलिए इसे ट्रिपल कब्र कहा जाता है। 1899 में इस क्षेत्र की खोज हुई थी, लेकिन गोटिंगेन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में यहाँ वैज्ञानिक अनुसंधान पिछले साल से ही शुरू हुआ है। 

नॉर्डिक कांस्य युग की सबसे बड़ी संरचनाओं में से एक अब खोजी गई है। 10 मीटर से 30 मीटर तक लंबी ढलान वाली छत वाला दो मंजिला हॉल, एक भोज कक्ष, शासक के परिवार के लिए रहने की जगह, व्यापार या निजी चर्चाओं के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कमरे, अनाज भंडारण के लिए जगह, आपातकालीन स्थितियों में आसानी से बचने के लिए अलग दरवाजे, आदि यहाँ मौजूद थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि लगभग 900 ईसा पूर्व से उत्सवों और व्यापार मेलों के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता रहा होगा। 

राजा के सभा कक्ष की रूपरेखा भी मिली है। शोधकर्ताओं का दावा है कि लगभग दो शताब्दियों तक लगभग 300 लोगों का एक समुदाय यहाँ रहता होगा और इतने लोगों को समायोजित करने में सक्षम इलाके/घर यहाँ मिले हैं। 2,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में घर फैले हुए थे। हॉल के निर्माण में पूर्व और पश्चिम की निर्माण शैली स्पष्ट है। शोधकर्ताओं का कहना है कि यहाँ एक स्थायी बस्ती थी और धातुकर्मी, बढ़ई, खाना बनाने वाली महिलाएं, किसान, मवेशी आदि भी यहाँ रहते थे। कई पीढ़ियाँ यहाँ रही होंगी। उस समय यहाँ लोग 50 या 60 साल तक जीवित रहे होंगे। उत्तर और दक्षिण के बीच व्यापार का एक प्रमुख केंद्र था यह जगह। यहाँ रहने वाले लोग शराब पीते थे। लेकिन, बाद में हुए जलवायु परिवर्तन ने इस क्षेत्र को दलदली बना दिया। इससे फसल कम हो गई होगी और मच्छर बढ़ गए होंगे। शोधकर्ताओं का मानना है कि यही कारण हो सकता है कि लोगों ने यह जगह छोड़ दी।