सार

अफगानिस्तान (Afganistan) में फिर ऊल-जुलूल फतवे जारी होने लगे हैं। ताजा फरमान महिलाओं (Women) वाले टीवी सीरियल्स (TV Serials) को लेकर दिया गया है।
 

काबुल। अफगानिस्तान (Afganistan) में तालिबान (Taliban) के काबिज होते ही महिलाओं की आजादी पर हर रोज हमले हो रहे हैं। पहले महिलाओं के दफ्तरों में काम पर रोक लगाई। फिर को एड पर रोक लगाई। अब तालिबान ने महिलाओं से जुड़ा एक अजीब फरमान जारी किया है। इसके तहत महिलाओं वाले टीवी धारावाहिक नहीं दिखाने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा महिला पत्रकारों को लिए हिजाब अनिवार्य कर दिया गया है। तालिबान के नए आदेश में टीवी चैनलों से कहा गया है कि महिलाओं पर आधारित धारावाहिकों का प्रसारण नहीं किया जाए। यह प्रतिबंध तालिबान मंत्रालय द्वारा जारी 8 नए प्रतिबंधों में से एक है। तालिबान सरकार का कहना है कि इस मकसद धर्म का प्रसार, अधर्म या बुराई पर रोक और समाज के बुनियादी मानकों का उल्लंघन करने वालों पर कड़ी निगरानी रखना है। 

नए फरमान पर तालिबानी तर्क 
इस नए नियम पर तर्क देते हुए तालिबान ने कहा कि अनैतिक चीजों के प्रचार पर रोक लगाने के लिए यह निर्देश जारी हुआ है, ताकि ऐसे वीडियो के प्रसारण पर रोक लग सके, जो शरिया कानून या तालिबान के सिद्धांतों के खिलाफ है। विदेशी और स्थानीय रूप से बनी फिल्में, जो अफगानिस्तान में अनैतिकता, विदेशी संस्कृति और परंपराओं को बढ़ावा देती हैं, उन्हें प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए। इस निर्देश के अनुसार, ऐसे हंसी-मजाक (Comedy) वाले कार्यक्रमों पर भी रोक लगाई गई है, जिसमें किसी इंसान का अपमान किया जाता हो या उसकी गरिमा को ठेस पहुंचाई जाती हो। 

1996 वाले नियम लागू कर रहा तालिबान 
वॉयस ऑफ अमेरिका (Voice Of America) के मुताबिक, मॉरल पुलिसिंग अफगानिस्तान में 1996 से 2001 तक पिछले तालिबानी शासन के दौरान अस्तित्व में आया था। उस दौरान समूह ने मौलिक मानवाधिकारों के उल्लंघन पर इस तरह के प्रतिबंधों को कड़ाई से लागू किया था। इसके तहत इसी तरह के तमाम प्रतिबंध लगाए गए थे। 

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