सार
अल कायदा के खूंखार आतंकी और सरगना अयमान अल जवाहिरी को अमेरिका ने ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया है। जवाहिरी के खात्मे के बाद अब अल कायदा का नया सरगना ढूंढने की कवायद तेज हो गई है। इसी बीच, खबर आ रही है कि मिस्र के खूंखार आतंकी सैफ अल-अदल को नया चीफ बनाया जा सकता है।
Who is Saif al Adel: अमेरिका ने अल कायदा के खूंखार आतंकी और सरगना अयमान अल जवाहिरी को ड्रोन स्ट्राइक में मार गिराया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने खुद इस बात की पुष्टि की है। बता दें कि अमेरिका की खुफिया एजेंसी सीआईए ने जवाहिरी के खात्मे के लिए 4 महीने पहले ही तैयारी शुरू कर दी थी। जवाहिरी पर अफगानिस्तान की राजधानी काबुल के एक घर में उस वक्त ड्रोन हमला किया गया, जब वो सुबह-सुबह बालकनी में टहल रहा था। हालांकि, अब हर किसी के मन में यही सवाल है कि जवाहिरी की मौत के बाद अल कायदा का नया चीफ कौन बनेगा।
मिस्र के इस आतंकी को मिल सकती है कमान :
रिपोर्ट्स के मुताबिक, जवाहिरी की मौत के बाद मिस्र के खूंखार आतंकी सैफ अल-अदल को अल कायदा का नया चीफ बनाया जा सकता है। सैफ अल अदल को इब्राहिम मक्कावी के नाम से भी जाना जाता है। सैफ अल अदल का नाम उस वक्त चर्चा में आया था, जब 2 अफ्रीकी देशों तंजानिया और कीनिया में अमेरिकी दूतावास पर हुए हमले में उसका नाम आया था। 1998 में हुए इस हमले का मास्टरमाइंड अल अदल ही था।
अल कायदा के आतंकियों का मिलिट्री ट्रेनर :
सैफ अल अदल अल कायदा के मजलिस-ए-शूरा का मेंबर है। इसके साथ ही वह संगठन की मिलिट्री कमिटी का मेंबर भी है। वह अल कायदा के आतंकियों को मिलिट्री और इंटेलिजेंस की ट्रेनिंग देता है। कहा जाता है कि अदल के सिखाए गए आतंकियों ने बैटल ऑफ मोगादिशु में हिस्सा लिया था। अदल ने सोमालिया के रास कोंबानी में आतंकी संगठन का एक ट्रेनिंग सेंटर भी खोला है।
मिस्र की सेना में रह चुका है अदल :
बता दें कि 11 अप्रैल, 1960 को मिस्र के मोनुफिया में पैदा हुआ अदल वहां की सेना में अफसर रह चुका है। अदल को मिस्र के राष्ट्रपति अनवर अल सदात की हत्या में शामिल होने की शंका के चलते 1988 में देश से बाहर निकाल दिया गया था। इसके बाद सैफ अल अदल अफगानिस्तान आ गया और यहां रूसी सेना को बाहर खदेड़ने में लगे मुजाहिदीनों की मदद करने लगा। अदल ने काबुल में ही मुस्तफा हामिद की बेटी के साथ निकाह किया। सैफ अल-अदल 5 बच्चों का पिता है।
90 के दशक में ओसामा से मिला :
सैफ अल अदल की मुलाकात ओसामा से 90 के दशक में हुई। वह नब्बे के दशक में ओसामा के संपर्क में आया। इसके बाद उसने 1998 में ओसामा बिन लादेन और अल जवाहिरी के साथ मिलकर तंजानिया और कीनिया स्थित अमेरिकी दूतावासों पर हमले की प्लानिंग की। इन हमलों में कई अमेरिकी नागिरक मारे गए थे। हालांकि, कहा जाता है कि अल अदल ने सितंबर 2001 में अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड ट्विन टॉवर पर हुए हमले का विरोध किया था।
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