सार
इराक और अमेरिका के बीच युद्ध का संकट बढ़ता जा रहा है। इन सब के बीच अमेरिका ने अपने 3200 सैनिकों को इराक भेजा है। इसके साथ ही 1.20 लाख सैनिकों को अलर्ट मोड में रखा गया है। ऐसी स्थिति में दोनों देशों के बीच भीषण युद्ध का संकट उभरता जा रहा है।
वाशिंगटन. अमेरिका द्वारा बगदाद एअरपोर्ट पर किए गए रॉकेट से हमले के बाद दोनों देशों तनातनी की स्थिति बनी हुई है। शनिवार को ईरानी रिवॉल्यूशनरी के कमांडर कसीम सुलेमानी समेत आठ की मौत के बाद ईरान ने अमेरिकी दूतावास को अपना निशाना बनाया है। जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को संयम बरतने की चेतावनी दी है। साथ ही कहा है कि ईरान ने कोई कदम उठाया तो उसके 52 ठिकानों को निशाना बनाया जाएगा। इन सब के बीच खबर सामने आ रही है कि अमेरिका ने अपने 3500 जवानों को ईरान रवाना कर दिया है। इसके साथ ही 1.20 लाख जवानों को भेजने की तैयारी कर रहा है।
तैयार हैं 1.20 लाख सैनिक
अमेरिका ने इराक में 82 वीं एयरबोर्न बिग्रेड के 3500 जवानों को रवाना किया है। वहीं, 5200 जवान पहले से तैनात हैं। पेंटागन के अनुसार मध्य-पश्चिम एशिया खाड़ी में 1.20 लाख सैनिकों को भेजने की तैयारी की जा रही है। अमेरिका के दुनियाभर में 800 सैन्य बेस हैं। जिसमें 100 से अधिक बेस खाड़ी देशों में ही हैं । जहां पर 60 से 70 हजार जवान तैनात हैं।
यहां तैनात हैं अमेरिकी सैनिक
अमेरिका ने खाड़ी देशों में सबसे अधिक 14000 जवान आफागानिस्तान में तैनात किए गए हैं। जबकि 13000 सैनिकों की तैनाती कतर में की गई है। खाड़ी देशों में शामिल बहरीन में 7000 सैनिकों को रखा गया है। वहीं, इराक में 5200, जॉर्डन में 2795, कुवैत में 1300, ओमान में 200 जवान तैनात है। इन सब के इतर सऊदी अरब में 3000 जवान, सीरिया में 2000 जवान और तुर्की में कितने सैनिकों की तैनाती है यह आंकड़ा सामने नहीं आ सका है। उधर यूएई में 5 हजार सैनिकों को अमेरिकी सैन्य बेसों में रखा गया है। इन सब के अलावा अमेरिका के कई मिलिट्री बेसों को नाम सुरक्षा कारणों से सामने नहीं लाया गया है।
ईरान के 52 ठिकानों की पहचान
ट्रंप ने कहा, "मैं ईरान को चेतावनी देता हूं कि यदि ईरान ने किसी भी अमेरिकी या अमेरिकी संपत्ति पर हमला किया तो हमने 52 ईरानी ठिकानों की पहचान की है। इनमें से कई ठिकाने बेहद अहम हैं और ईरान की संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन ठिकानों और ईरान को भी बहुत तेजी से और बेहद सख्ती के साथ निशाना बनाया जाएगा, अमेरिका अब किसी तरह की धमकी नहीं चाहता है।" ट्रंप ने अपनी बात पर जोर देने के लिए अंग्रेजी के कैपिटल अक्षरों का इस्तेमाल करते हुए लिखा, "Iran WILL BE HIT VERY FAST AND VERY HARD"