सार
Reciprocal Tariff Full List : डोनाल्ड ट्रंप ने भारत समेत कई देशों पर टैरिफ लगा दिया है। भारत-पाकिस्तान और चीन समेत 60 देशों पर ट्रंप का टैरिफ बम फूटा है। जिसका असर कारोबार पर पड़ेगा। ये टैरिफ 9 अप्रैल की आधी रात से लागू हो जाएगा।
Trump Tariff Full List : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार देर रात भारत समेत पूरी दुनिया पर टैरिफ ठोक दिया है। रेसिप्रोकल यानी जैसे को तैसा टैरिफ लगाने के बाद कई देशों की टेंशन बढ़ गई है। भारत के अलावा चीन, यूरोपीय यूनियन, साउथ कोरिया, जापान, वियतनाम, ताइवान, पाकिस्तान पर भी अच्छा-खासा टैरिफ लादा गया है। US ने करीब 60 देशों पर उनके टैरिफ की तुलना में आधा टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। ऐसे में आइए जानते है इस टैरिफ बम से सबसे बड़ा झटका किसे लगा? भारत, पाकिस्तान या चीन कौन सा देश सबसे ज्यादा प्रभावित होगा?
ट्रंप का टैरिफ कब से लागू होगा
ट्रेड टैरिफ के अलावा दूसरे देशों से अमेरिकी में आने वाले सभी सामान पर 10% बेसलाइन यानी मिनिमम टैरिफ भी लगाया जाएगा। बेसलाइन टैरिफ 5 अप्रैल को और रेसिप्रोकल टैरिफ 9 अप्रैल की रात 12 बजे के बाद से लागू हो जाएगा। रेसिप्रोकल टैरिफ (Reciprocal Tariff) किसी श के टैरिफ के जवाब में,जबकि बेसलाइन टैरिफ (Baseline Tariff) आयात पर लगाया जाता है।
ट्रंप ने किस देश पर कितना टैरिफ लगाया
- कंबोडिया (Cambodia)- 49%
- वियतनाम (Vietnam)- 46%
- श्रीलंका (Sri Lanka)- 44%
- बांग्लादेश (Bangladesh) 37%
- थाईलैंड (Thailand)- 36%
- चीन (China)- 34%
- इंडोनेशिया (Indonesia)- 32%
- ताइवान (Taiwan)- 32
- स्विट्जरलैंड (Switzerland)- 31%
- साउथ अफ्रीका (South Africa)- 30%
- पाकिस्तान (Pakistan)- 29%
- भारत (India)- 26%
- साउथ कोरिया (South Korea)- 25%
- जापान (Japan)- 24%
- मलेशिया (Malaysia)- 24%
- यूरोपियन यूनियन (European Union)- 20%
- इजराइल (Israel)- 17%
- फिलिपिंस (Philippines)- 17%
- यूनाइटेड किंगडम (UK)- 10%
- ब्राजील (Brazil)- 10%
- सिंगापुर (Singapore)- 10%
- चिली (Chile)- 10%
- ऑस्ट्रेलिया (Australia)- 10%
- तुर्की (Turkey)- 10%
- कोलंबिया (Colombia) 10%
डिस्काउंट टैरिफ क्या होता है
ट्रंप ने अपने इस फैसले को डिस्काउंटेड टैरिफ का नाम दिया है। यह सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि कई देशों पर लगाया गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति का कहना है कि उनके देश ने अपने व्यापार प्रतिद्वंदियों को लेकर नरमी दिखाई है और डिस्काउंट करके टैरिफ लगाया है। यूएस चाहता तो और भी ज्यादा सख्त कदम उठा सकता था।