सार

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने इजरायल को हथियार आपूर्ति रोकने का आह्वान किया है, जिससे इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू नाराज हैं। नेतन्याहू ने मैक्रोन के बयान को अपमानजनक बताया है।

वर्ल्ड डेस्क। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन ने कहा है कि देशों को इजराइल को हथियारों की आपूर्ति रोक देनी चाहिए। इनका इस्तेमाल गाजा में हमास के खिलाफ किया जा सकता है। इस बात से इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू नाराज हो गए हैं। उन्होंने मैक्रोन की आलोचना की है।

7 अक्टूबर को हमास द्वारा किए गए हमले की पहली वर्षगांठ से पहले फ्रांस के राष्ट्रपति ने जोर देकर कहा कि जंग लड़ रहे पक्षों के बीच "राजनीतिक समाधान" तक पहुंचने के लिए इजरायल को हथियार देना बंद करना जरूरी है। मैक्रोन ने कहा, "मुझे लगता है कि आज प्राथमिकता यह है कि हम एक राजनीतिक समाधान पर लौटें। हम गाजा में लड़ने के लिए हथियार देना बंद करें।"

नेतन्याहू ने इमैनुएल मैक्रोन के बयान को बताया अपमानजनक

इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने इमैनुएल मैक्रोन को वीडियो जारी कर जवाब दिया है। उन्होंने मैक्रोन के बयान को "अपमानजनक" कहा। नेतन्याहू ने कहा, "इजरायल सभ्यता के दुश्मनों के खिलाफ सात मोर्चों पर अपना बचाव कर रहा है।" उन्होंने गाजा, लेबनान, वेस्ट बैंक, यमन, सीरिया, इराक और ईरान की ओर इशारा किया।

नेतन्याहू ने कहा, "इजरायल ईरान के नेतृत्व वाली बर्बर ताकतों से लड़ रहा है। सभी सभ्य देशों को इजरायल के पक्ष में मजबूती से खड़ा होना चाहिए। राष्ट्रपति मैक्रोन और अन्य पश्चिमी नेता अब इजरायल के खिलाफ हथियार प्रतिबंध लगाने का आह्वान कर रहे हैं। उन पर शर्म आनी चाहिए।"

इजरायल को हथियारों की सप्लाई पर रोक के संबंध में नेतन्याहू ने कहा, "क्या ईरान अपने प्रॉक्सी पर इस तरह का हथियार प्रतिबंध लगा रहा है। बिल्कुल नहीं। आतंक की यह धुरी एक साथ खड़ी है। लेकिन जो देश कथित तौर पर इस आतंकी धुरी का विरोध करते हैं, वे इजरायल पर हथियार प्रतिबंध लगाने की मांग करते हैं। यह कितनी शर्मनाक बात है। यहूदी राष्ट्र उनके समर्थन के साथ या बिना जंग जीतेगा। युद्ध जीतने के बाद उनकी शर्मिंदगी लंबे समय तक जारी रहेगी।"

नेतन्याहू के जवाब में फ्रांस ने कही ये बात

नेतन्याहू द्वारा कड़ा जवाब दिए जाने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति के कार्यालय ने सफाई दी है। कहा है कि मैक्रोन इजरायल की सुरक्षा का समर्थन करते हैं। ईरानी मिसाइल हमले के बाद फ्रांस ने अपनी सेना को जुटा लिया है। फ्रांस ईरान या उसके किसी भी प्रॉक्सी को इजरायल पर हमला करने की अनुमति नहीं देगा। अगर उसने बल का सहारा लिया तो हम हमेशा उसका सामना करेंगे।

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