सार
महिलाओं के साथ भेदभाव की भावना मन में रखना लेबनान के एक शख्स को महंगा पड़ गया। ये शख्स बीते 13 साल से जर्मनी में रह रहा था। जब इतने सालों के बाद उसे नागरिकता मिलने लगी, तो महिला ऑफिसर से हाथ ना मिलाने की वजह से उसकी नागरिकता कैंसिल कर दी गई। महिला की अहमियत बताने वाला ये मामला इन दिनों काफी चर्चा में है।
वर्ल्ड: जर्मनी में रहने वाले एक मुस्लिम डॉक्टर को देश की नागरिकता से इस कारण हाथ धोना पड़ गया क्यूंकि उसने उस महिला से हाथ मिलाने से इंकार कर दिया जिसने उसे सर्टिफिकेट दिया था। 39 साल का ये शख्स मूल रूप से लेबनान का रहने वाल है। लेकिन बीते 13 सालों से वो जर्मनी में रह रहा था। अपनी मेडिकल की परीक्षा पास कर उसने देश की नागरिकता पाने का टेस्ट भी सबसे ज्यादा नम्बरों में पास कर लिया था। लेकिन जब उसे महिला ऑफिसर ने सर्टिफिकेट दिया तो उसने महिला से हाथ नहीं मिलाया। इस कारण उसका सर्टिफिकेट वापस ले लिया गया।
पांच साल पुराना है मामला
जर्मनी का ये मामला पांच साल पुराना है। शख्स ने 2015 में नागरिकता इम्तिहान दिया था। उसने उसे पास भी कर लिया था। लेकिन एक गलती और प्रमाणपत्र उसे वापस करना पड़ा था। इसे लेकर शख्स ने कोर्ट में केस फ़ाइल किया था। अपनी सफाई में शख्स ने कहा कि वो 2002 में जर्मनी शिफ्ट हुआ था। वहां उसने 10 साल पहले एक सीरियाई महिला से शादी रचाई थी। उस दौरान उसने वादा किया था कि वो कभी किसी दूसरी महिला को नहीं छुएगा।
कोर्ट ने नहीं लौटाया सर्टिफिकेट
पांच साल बाद इस मामले की सुनवाई हुई। जिसमें कोर्ट ने उसके प्रमाणपत्र को वापस लेने के फैसले को सही ठहराया। कोर्ट ने कहा कि एक महिला से हाथ ना मिलाना ये दिखाता है कि शख्स के मन में मर्द और औरत को लेकर भेदभाव है। ऐसे में उसे देश की नागरिकता नहीं दी जा सकती है। सुनवाई के दौरान शख्स ने ये भी कहा कि वो किसी से हाथ नहीं मिलाता। लेकिन कोर्ट ने उसकी ये दलील खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि हाथ मिलाना कोई क्राइम नहीं है और सिर्फ महिला होने की वजह से कोई उससे हाथ ना मिलाए ये जर्मनी में नहीं हो सकता।