सार
अंटार्कटिका में ब्रिटेन के रिसर्च स्टेशन के पास बर्फ का विशाल हिस्सा टूटने का मामला सामने आया है। अंटार्कटिका में शुक्रवार को ब्रंट आइस शेल्फ से बर्फ का यह हिस्सा टूटकर अलग हो गया। यहीं से कुछ दूरी पर ब्रिटेन की साइंटिफिक आउटपोस्ट है। इस दरार का वैज्ञानिकों ने 10 साल पहले पता लगा लिया था।
अंटार्कटिका में ब्रिटेन के रिसर्च स्टेशन के पास बर्फ का विशाल हिस्सा टूटने का मामला सामने आया है। अंटार्कटिका में शुक्रवार को ब्रंट आइस शेल्फ से बर्फ का यह हिस्सा टूटकर अलग हो गया। यहीं से कुछ दूरी पर ब्रिटेन की साइंटिफिक आउटपोस्ट है। ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) के मुताबिक, आइसबर्ग का टूटा हुआ हिस्सा 490 वर्ग मील (1270 वर्ग किलोमीटर) का है। इसका साइज न्यूयॉर्क शहर से भी बड़ा है। यानी हमारी मुंबई से डबल।
जानें खास बातें
- ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे (BAS) ने बताया कि टूटे हुए बर्फ की मोटाई करीब 150 मीटर है। नवंबर में इसमें दरार देखी गई थी। तभी से वैज्ञानिकों को आशंका थी कि यह कभी भी टूट सकती है। इस जगह पर अब गहरी खाई बन गई है। कुछ दिन पहले इसका बनाया वीडियो जारी किया गया है। BAS के डायरेक्टर जेन फ्रांसिस ने बताया कि उनकी टीम कई सालों से इस पर नजर बनाए हुए थी। इसका डेटा एनालिसिस के लिए कैंब्रिज में भेजा जाता है।
- सर्दियों के चलते इस समय BAS का हैली रिसर्च स्टेशन बंद है। यहां 12 लोगों की टीम रहती है। हालांकि ये सभी इसी महीने के शुरू में यहां से चले गए थे।
- बता दें कि 1956 से ब्रंट आइस शेल्फ पर 6 हैली रिसर्च स्टेशन बने हैं। ठंड में यहां का टेम्परेचर माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है। हालांकि BAS ने खतरे को देखते हुए 2016 में हैली रिसर्च स्टेशन को यहां से शिफ्ट कर दिया था।
- बर्फ की शेल्फ हर साल लगभग 2 किलोमीटर समुद्र की ओर बहती है। इसके चलते कुछ हिस्से टूट जाते हैं। हालांकि यह प्राकृतिक घटना है।
- करीब 10 साल की मेहनत के बाद वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में बन रही इस दरार का पता लगा लिया था।