सार
इस्लामिक सहयोग संगठन ने पाकिस्तान के इशारे पर एक बार फिर जम्मू-कश्मीर के मामले में हस्तक्षेप किया है। ओआईसी ने इस बार जम्मू-कश्मीर में हो रहे परिसीमन को लेकर विवादित टिप्पणी की है।
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir delimitation)) में हो रहे परिसीमन पर इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) की अनुचित टिप्पणी पर भारत ने कड़ा ऐतराज जताया है। भारत ने सोमवार को ओआईसी पर अनुचित टिप्पणी न करने की नसीहत देते हुए कहा कि संगठन (Organisation of Islamic Cooperation) एक देश के इशारे पर ऐसे गलत एजेंडे पर काम कर रहा है। उसे इस तरह की टिप्पणियों से बचना चाहिए।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (MEA Spokesperson Arindam Bagchi) ने कहा, "हम इस बात से निराश हैं कि ओआईसी सचिवालय ने एक बार फिर भारत के आंतरिक मामलों पर अनुचित टिप्पणी की है।" उन्होंने कहा, "पहले की तरह, भारत सरकार केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर पर ओआईसी सचिवालय द्वारा किए गए दावों को स्पष्ट रूप से खारिज करती है, जो भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है।" मंत्रालय के प्रवक्ता ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा कि ओआईसी को एक देश के इशारे पर भारत के खिलाफ अपने सांप्रदायिक एजेंडे को अंजाम देने से बचना चाहिए।
विधानसभा चुनावों का मार्ग हो रहा प्रशस्त
जम्मू-कश्मीर में संसदीय और विधानसभा क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण करने वाले परिसीमन आयोग ने इस महीने की शुरुआत में अपनी अंतिम रिपोर्ट अधिसूचित की है। परिसीमन अभ्यास के पूरा होने से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने का मार्ग प्रशस्त हो रहा है। जून 2018 से निर्वाचित सरकार के बिना यहां उप राज्यपाल का शासन है।
नए परिसीमन के अनुसार अलग अलग क्षेत्रों की यह है स्थिति
जम्मू-कश्मीर में इस बार 90 विधानसभा क्षेत्र होंगे। 90 सीटों में जम्मू क्षेत्र के हिस्से में 43 सीटें होंगी जबकि कश्मीर के हिस्से में 47 सीटें हैं। परिसीमन के प्रयोजनों के लिए जम्मू और कश्मीर को एक इकाई के रूप में माना गया है। जम्मू में विधानसभा की कुल सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 विधानसभा सीटों पर पहुंच गई है।
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