सार

इजराइल पर ईरान द्वारा किए गए हमले के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। इजराइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू कई बार वॉर कैबिनेट की मीटिंग कर चुके हैं। साथ ही इस जंग में अब रूस की भी एंट्री होती दिख रही है। 

Iran-Israel Tension: ईरान-इजराइल के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। 13 अप्रैल की रात ईरान ने इजराइल पर लगातार 300 मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया, जिसके बाद अब इजराइल ने भी ईरान को जवाब देने की तैयारी कर ली है। इसी बीच, इस जंग में अब अमेरिका और रूस की भी एंट्री हो चुकी है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने चेतावनी देते हुए साफ कह दिया है कि अगर इस युद्ध में अमेरिका ने इजराइल का साथ दिया तो हम भी चुप नहीं बैठने वाले।

..तो खुलकर ईरान का समर्थन करेगा रूस

रूस ने साफ कह दिया है कि अगर अमेरिका इस जंग में इजराइल का साथ देता है तो रूस खुलकर ईरान का समर्थन करेगा। बता दें कि इससे पहले रूस ने ईरान और इजरायल दोनों को ही संयम बरतने की सलाह दी थी। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ईरानी विदेशी मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान से इस मसले पर फोन पर बात की थी।

ईरान ने बैलिस्टिक मिसाइल और ड्रोन से किया था हमला

बता दें कि ईरान ने 13 अप्रैल की देर रात 300 मिसाइलें और ड्रोन से इजराइल पर हमला किया था। इसके बाद इजराइल ने अपने आयरन डोम सिस्टम को एक्टिवेट कर दिया था, जिसकी वजह से ईरान की मिसाइलों का इजराइल पर कोई असर नहीं हुआ। इजराइल रक्षा बल (IDF) के प्रवक्ता डैनियल हगारी ने बताया कि ईरान की तरफ से हम पर बैलिस्टिक मिसाइलों और ड्रोन से हमला किया गया, लेकिन हमारे आयरन डोम ने उनकी मिसाइलों को हवा में ही मार गिराया।

हमला कब और कैसे होगा, अभी ये साफ नहीं

वहीं, ईरान के हमले के बाद से ही इजराइल भड़का हुआ है और वो किसी भी वक्त ईरान पर हमला कर सकता है। हमले की रणनीति के लिए इजराइल में वॉर कैबिनेट की कई बैठकें भी हो चुकी हैं। इनमें फैसला किया गया है कि ईरान को जरूर जवाब दिया जाएगा। हालांकि, अभी ये साफ नहीं है कि हमला कब और कैसे किया जाएगा।

ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है इजराइल

इजराइल में विपक्षी पार्टी के नेता और कैबिनेट मेंबर बेनी गांट्ज ने सुझाव दिया कि ईरान पर हमला होना ही चाहिए। लेकिन हमला ऐसा हो, जिसमें लोगों की जान न जाए। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इजराइल ईरान के परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकता है। इनमें नतांज, अराक, फोरहदो, इस्फहान, और बुस्हर जैसे परमाणु ठिकानों पर इजराइल की नजरें हैं।