सार

Mehul Choksi Extradition: 13,000 करोड़ के PNB घोटाले में आरोपी मेहुल चोकसी की बेल्जियम में गिरफ्तारी के बाद भारत ने औपचारिक रूप से प्रत्यर्पण का अनुरोध भेजा। जानें पूरी कहानी और सरकार की प्रतिक्रिया।

Mehul Choksi Extradition: भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी (Mehul Choksi) को भारत लाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं। बेल्जियम की फेडरल पब्लिक सर्विस ऑफ जस्टिस (Federal Public Service of Justice) ने सोमवार को पुष्टि की कि भारत सरकार ने चोकसी के प्रत्यर्पण (Extradition) के लिए औपचारिक अनुरोध भेज दिया है। चोकसी को 12 अप्रैल 2025 को बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था और वह अब न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहा है।

बेल्जियम ने बताया कि मेहुल चोकसी को शनिवार, 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। उसे न्यायिक कार्रवाई के लिए हिरासत में रखा गया है और उसे कानूनी सहायता का पूरा अधिकार दिया गया है। भारत की ओर से प्रत्यर्पण अनुरोध प्राप्त हुआ है।

CBI और ED की कार्रवाई से गिरफ्त तक का सफर

चोकसी को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से दर्ज 13,000 करोड़ रुपये के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) लोन फ्रॉड केस में मुख्य आरोपी बनाया गया था। उसने 2018 में भारत छोड़ दिया था और एंटीगुआ (Antigua) में नागरिकता ले ली थी। हाल ही में चोकसी के बेल्जियम में होने की जानकारी मिलने पर भारत ने वहां की एजेंसियों से संपर्क किया और उसके खिलाफ मुंबई कोर्ट द्वारा जारी 2018 और 2021 के दो गैर-जमानती वारंट भी साझा किए।

वकील ने कहा-जेल नहीं, इलाज की जरूरत

मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने गिरफ्तारी की पुष्टि की है। अग्रवाल ने बताया कि चोकसी बेल्जियम जेल में हैं। वहां बेल की प्रक्रिया अलग होती है। हम अपील दायर करेंगे कि उसे हिरासत में न रखा जाए और उसे प्रत्यर्पण का विरोध करने का मौका मिले। विजय अग्रवाल ने दावा किया कि भारत में जेल की स्थिति अमानवीय है और यह मामला राजनीतिक प्रेरणा से जुड़ा हुआ है। साथ ही चोकसी स्वास्थ्य कारणों (Blood Cancer Treatment) के आधार पर राहत की मांग करेगा।

नीरव मोदी के बाद दूसरा बड़ा नाम

PNB घोटाले में मेहुल चोकसी के अलावा उसका भांजा नीरव मोदी (Nirav Modi) भी प्रमुख आरोपी है जो फिलहाल लंदन की जेल में है और वह भी भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।

सरकारी ने कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि

चोकसी की गिरफ्तारी को भारत सरकार ने बड़ी कूटनीतिक जीत बताया है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति और डिप्लोमैसी ने ये मुमकिन किया है। यह हमारे देश के लिए गर्व का विषय है। वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इस घटनाक्रम को बहुत बड़ी उपलब्धि बताया और भारत की एजेंसियों के प्रयासों की सराहना की।