सार

Corona की तीसरी लहर(third wave) को देखते हुए सभी देश अलर्ट हैं। इसी बीच इंडोनेशिया को बड़े कंटेनरों की जरूरत थी। उसने भारत से मदद मांगी। भारत ने दोस्ती निभाई।

नई दिल्ली. भारतीय नौसेना(Indian Navy) का लैंडिंग शिप टैंक (बड़ा) INS ऐरावत 24 अगस्त को इंडोनेशिया के जकार्ता में तंजुंग प्रियक पोर्ट पर 10 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) कंटेनर देने के लिए पहुंचा। इंडोनेशिया सरकार द्वारा कंटेनरों की आवश्यकता जताई गई थी, जिसके बाद यह डिलिवरी की गई है।

भारत का मिशन सागर
इंडोनेशिया में जहाज से चिकित्सा का सामान उतरने का काम पूरा होने पर (चल रहे मिशन सागर के हिस्से के रूप में) INS ऐरावत इस क्षेत्र के अन्य मित्र देशों को चिकित्सा आपूर्ति प्रदान करना जारी रखेगा।

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आईएनएस ऐरावत को जल और स्थल पर संचालन करने के लिए प्राथमिक भूमिका के साथ एचएडीआर मिशन करने के लिए भी बनाया गया है। आईएनएस ऐरावत पूर्व में हिंद महासागर में विभिन्न राहत प्रयासों का हिस्सा रहा है। इससे पहले इसी जहाज ने चिकित्सा सहायता को ट्रांस-शिप किया था और 24 जुलाई को इंडोनेशिया को 05 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) कंटेनर (100 मीट्रिक टन) और 300 ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर सौंपे थे।

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संकट में मित्र देशों के साथ है भारत
भारत और इंडोनेशिया एक मजबूत सांस्कृतिक विरासत से बंधे हुए हैं और दोनों देश के बीच बेहतरीन साझेदारी हैं। दोनों देश एक सुरक्षित भारत-प्रशांत क्षेत्र की दिशा में समुद्री क्षेत्र में एक साथ मिलकर काम कर रहे हैं। दोनों देशों की नौसेनाएं नियमित रूप से द्विपक्षीय अभ्यास और समन्वित पहरेदारी भी करती हैं।

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इंडोनेशिया की पहले भी मदद करता रहा है भारत
जब कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी, तब दुनिया के तमाम देश एक-दूसरे की मदद को आगे आए थे। भारत को मदद मिली थी, तो भारत ने भी कई देशों की मदद की थी। भारत ने इंडोनेशिया को तब 3400 ऑक्सीजन सिलेंडर और कसंट्रेटर दिए थे। इंडोनेशिया में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी थी, जिसे भारत ने पूरा किया।