सार

म्यांमार में भूकंप पीड़ितों की मदद करते भारतीय वायुसेना के विमान पर साइबर हमला हुआ। जीपीएस-स्पूफिंग से विमान का नेविगेशन सिस्टम गुमराह हो गया, पर पायलट ने खतरा टाल दिया।

Myanmar Earthquake: भीषण भूकंप से बेहाल म्यांमार की मदद करने गए भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के ट्रांसपोर्ट विमान C-130J पर उड़ान भरने के दौरान साइबर अटैक हुआ है।

India Today की रिपोर्ट के अनुसार विमान पर जीपीएस-स्पूफिंग (GPS-spoofing)हमला हुआ। इसके चलते रियल टाइम के कोऑर्डिनेट्स बदल गए। उड़ान भरते समय विमान का नेविगेशन सिस्टम गुमराह हो गया। इस तरह के हमले से विमान के हादसे का शिकार होने का खतरा होता है, लेकिन वायुसेना के पायलट ने बेहद सूझबूझ का परिचय देते हुए खतरे को टाल दिया। पायलट ने GPS की जगह विमान के INS (Internal Navigation System) को अपनाया और सुरक्षित नेविगेशन तय की।

क्या है जीपीएस-स्पूफिंग?

बता दें कि जीपीएस-स्पूफिंग एक तरह का साइबर अटैक है। इसमें असली सैटेलाइट डेटा की जगह पर फर्जी सिग्नल्स दिखते हैं। इससे सिस्टम कन्फ्यूज हो जाता है। इनपर भरोसा कर उड़ान भरने पर विमान अपनी दिशा से भटक जाता है। इससे हादसे का भी खतरा रहता है।

यह पहली बार नहीं है जब भारतीय वायुसेना को जीपीएस-स्पूफिंग का सामना करना पड़ा है। इस तरह की घटनाएं भारत-पाकिस्तान सीमा के पास होती रहीं हैं। नवंबर 2023 से अब तक अमृतसर और जम्मू के पास ऐसी 465 घटनाएं हुईं हैं।

म्यांमार में आया था 7.7 तीव्रता का भूकंप

28 मार्च को म्यांमार में 7.7 तीव्रता का भूकंप आया था। इसके चलते 3,649 लोग मारे गए और 5,000 से ज्यादा घायल हुए। ऐसे मुश्किल समय में भारत ने म्यांमार की ओर मदद का हाथ बढ़ाया। भारत ने खोज एवं बचाव, मानवीय सहायता, आपदा राहत और चिकित्सा सहायता सहित आवश्यक सहायता देने के लिए ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू किया।

भारत ने 29 मार्च को म्यांमार को मानवीय सहायता और आपदा राहत (एचएडीआर) सामग्री की पहली खेप पहुंचाई। इसमें टेंट, कंबल, आवश्यक दवाएं और भोजन जैसी 15 टन सामग्री थी। इन्हें सी-130जे विमान से पहुंचाया गया था। अब तक छह विमानों और पांच भारतीय नौसेना जहाजों ने 625 मीट्रिक टन राहत सामग्री पहुंचाई गई है।