सार
पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान में आग लगी हुई है, और नागरिक विद्रोह शुरू हो गया है। दिवालिया होने की कगार पर खड़े इस देश में क्या हो रहा है?
पाकिस्तान में हाहाकार मचा हुआ है। जिनसे लोग डरते थे, उनके खिलाफ ही जनता सड़कों पर उतर आई है। अब तक दबी हुई इमरान खान समर्थकों की चिंगारी भड़क उठी है, और पाकिस्तान पूरी तरह से हिल गया है। भीख मांगने की स्थिति में पहुँच चुके इस देश में इमरान खान समर्थकों को शांत करने के लिए सेना ने अब तक करोड़ों रुपये खर्च कर दिए हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 2.7 बिलियन पाकिस्तानी रुपये खर्च किए जा चुके हैं, फिर भी स्थिति नियंत्रण में नहीं आ रही है। आज भले ही खबर आ रही है कि विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया गया है, लेकिन जगह-जगह तनाव की स्थिति बनी हुई है।
इस विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेता इमरान खान के समर्थकों द्वारा निकाला गया जुलूस है। इमरान खान ने 24 नवंबर को राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था, जिसके बाद पार्टी कार्यकर्ता और समर्थक सड़कों पर उतर आए। जैसे ही ये समर्थक राजधानी इस्लामाबाद में दाखिल हुए, विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया। प्रदर्शनकारी सेना के खिलाफ भड़क उठे। इस दौरान पुलिस, सेना और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिसमें कई लोगों की मौत की खबर है। इनमें सेना अधिकारी, पुलिस अधिकारी और सुरक्षाकर्मी भी शामिल हैं। पहले ही कहीं भी गोली चलाने का आदेश जारी हो चुका है।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, पीटीआई के विरोध प्रदर्शनों और धरनों को नियंत्रित करने के लिए पाकिस्तान सरकार ने पिछले 18 महीनों में 2.7 बिलियन रुपये खर्च किए हैं। जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, इसमें से 1.2 बिलियन रुपये पिछले छह महीनों में पंजाब, खैबर पख्तूनख्वा और इस्लामाबाद जैसे इलाकों में हुए उग्र प्रदर्शनों पर खर्च किए गए हैं। कई शहरों में 1.5 बिलियन रुपये की सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। सेफ सिटी कैमरों को हुए नुकसान की कीमत 280 मिलियन रुपये है, क्योंकि इस्लामाबाद, लाहौर और रावलपिंडी में हुए विरोध प्रदर्शनों में इन्हें तोड़ दिया गया। इसके अलावा, पीटीआई प्रदर्शनकारियों ने 220 पुलिस वाहनों को भी नष्ट कर दिया है।
इमरान खान समर्थकों पर गोली चलाने का आरोप भी है, जिसके बाद आगजनी की कोशिश की गई। एक तरफ आतंकवादियों का खतरा, चारों तरफ से हमला करने की फिराक में बैठे दुश्मन देश, दूसरी तरफ आर्थिक रूप से पूरी तरह से बर्बाद होकर दिवालिया होने की कगार पर खड़े पाकिस्तान के लिए यह एक बड़ा झटका है। इमरान खान पर पहले से ही कई आरोप हैं। उनके खिलाफ कुछ मामलों में अदालतों ने जमानत दे दी है या सजा को निलंबित कर दिया है, फिर भी वे हिरासत में हैं। वे अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल से जुड़े 150 से ज्यादा मामलों का सामना कर रहे हैं, जिनमें भ्रष्टाचार से लेकर हिंसा भड़काने और सत्ता के दुरुपयोग तक के आरोप शामिल हैं।