सार

गिलगिट-बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर पाक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की सब्सिडरी यूनिवर्सल सर्विस फंड ने  बड़ा बयान दिया है.  यूनिवर्सल सर्विस फंड का कहना है कि संवैधानिक रूप से यह क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है.  

इस्लामाबाद : गिलगिट-बाल्टिस्तान और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) को लेकर पाकिस्तान सरकार की इमरान सरकार की अपने ही देश में बेज्जती हुई है।  दरअसल इस क्षेत्र को लेकर पाक इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री की सब्सिडरी यूनिवर्सल सर्विस फंड ने कहा कि यह संवैधानिक रूप से हमारा भाग नहीं है।  इसके लिए ने एक लेटर भी जारी किया है और इमरान खान सरकार के टेलिकॉम प्रोजेक्ट लॉन्च करने से साफ मना कर दिया है।   

संवैधानिक रूप से ये क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा नहीं
इस संबंध में यूनिवर्सल सर्विस फंड का कहना है कि संवैधानिक रूप से ये क्षेत्र पाकिस्तान का हिस्सा नहीं हैं।   इस कारण से सेलुलर मोबाइल कंपनियां यहां टेलिकॉम प्रोजेक्ट लॉन्च करने से मना कर सकती हैं।   इससे पाकिस्तान सरकार की इमरान सरकार की किरकिरी हुई है।   भारत हमेशा से कहता आया है कि गिलगिट-बाल्टिस्तान और पीओके पर पाकिस्तान ने अवैध तरीके से कब्जा किया है और इन क्षेत्रों में रहने वाले लोग पाकिस्तान सरकार के रवैय से नाखुश हैं।   

गिलगिट- बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री ने की थी टेलीकॉम सेवाएं बढ़ाने की अपील 
जानकारी के मुताबिक गिलगिट- बाल्टिस्तान के मुख्यमंत्री खालिद खुर्शीद ने यूएसएफ ने अपनी टेलीकॉम सेवाएं इस क्षेत्र में बढ़ाने की अपील की थी।  वह चाहते थे कि एजेंसी जल्द से जल्द इस प्रोजेक्ट को शुरू हो जाए, जिससे पर्वतीय क्षेत्र में बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी मिल सके।  वहीं यूएसएफ पाकिस्तान के अन्य हिस्सों में बिना किसी परेशानी के काम कर रही है।   

गौरतलब है कि इमरान खान सरकार ने पिछले साल उम्मीद जताई थी कि  सितंबर में पीओके और गिलगिट-बाल्टिस्तान के लिए स्पेक्ट्रम ऑक्शन किया जाए, ताकि इन क्षेत्रों में नेक्सट जेनेरेशन की मोबाइल सर्विस मिल सके।   

पाकिस्तानी का नापाक चेहरा बेनकाब हुआ
इस मसले पर भारतीय जांच एजेंसियों के सूत्रों ने कहना है कि पीओके और  गिलगिट-बाल्टिस्तान पर पाकिस्तानी का नापाक चेहरा बेनकाब हुआ है।   इन दोनों क्षेत्रों के लोगों को यह बात समझ में आ गई है और वे अपने हक के लिए खड़े हो गए हैं।  
 

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