सार
अपने ऊपर हुए हमले के बाद इमरान खान पाकिस्तान सरकार और आर्मी दोनों के खिलाफ लगातार मुखर हैं। अप्रैल में सत्ता से बेदखल किए गए और क्रिकेटर से नेता बने खान ने बार-बार दावा किया है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी साजिश का परिणाम थी।
इस्लामाबाद. पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री इमरान खान(ousted premier Imran Khan) ने पाकिस्तानी सेना के तर्क पर सवाल उठाया है। खान ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि उनका(सेना) मानना है कि एक सैन्य अधिकारी की आलोचना सशस्त्र बलों को बदनाम करने के समान है। पाकिस्तानी सेना ने शनिवार(5 नवंबर) को इमरान खान द्वारा लगाए गए आरोपों को निराधार और गैर-जिम्मेदार बताते हुए खारिज कर दिया था। खान ने आरोप लगाया है कि सेना का एक सीनियर आफिसर उन्हें मारने की साजिश में शामिल लोगों में से एक है।
पढ़िए इमरान खान ने क्या कहा?
पहले बता दें कि सेना का रातोंरात बयान अस्पताल से इमरान खान के एक संबोधन के जवाब में आया था। अस्पताल में अपनी सर्जरी के बीच इमरान खान ने आरोप लगाया कि प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और मेजर जनरल फैसल नसीर उनकी हत्या की एक भयावह साजिश का हिस्सा थे। इसी तरह पंजाब के पूर्व गवर्नर सलमान तासीर की 2011 में एक धार्मिक चरमपंथी ने हत्या कर दी थी।
70 वर्षीय इमरान खान के दाहिने पैर में गोली लगी थी, जब दो बंदूकधारियों ने गुरुवार(3 नवंबर) को पंजाब प्रांत के वजीराबाद इलाके में उनकी रैली पर गोलियां चलाई थीं। खान शहबाज शरीफ सरकार के खिलाफ विरोध मार्च का नेतृत्व कर रहे थे।
सेना ने दिया था ये बयान
प्रधान मंत्री शहबाज शरीफ, आंतरिक मंत्री राणा सनाउल्लाह और पाकिस्तानी सेना के एक प्रमुख सहित तीन लोगों पर पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान की हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोपों को सेना ने एक बयान देकर निराधार बताकर खारिज कर दिया था। इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया कि, "पीटीआई के अध्यक्ष ने एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी के खिलाफ निराधार और गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाया है, यह बिल्कुल अस्वीकार्य और अनुचित हैं।"
सेना के मीडिया विंग के डीजी लेफ्टिनेंट जनरल इफ्तिखार बब्बर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना एक बेहद पेशेवर और अच्छी तरह से अनुशासित संगठन होने पर गर्व करती है। इमरान खान द्वारा संस्था/ अधिकारियों पर लगाए गए निराधार आरोप बेहद खेदजनक और कड़ी निंदा के लायक हैं। किसी को भी संस्थान या उसके सैनिकों को बदनाम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। बयान में कहा गया है, "इसे ध्यान में रखते हुए पाकिस्तान सरकार से इस मामले की जांच करने और संस्था और उसके अधिकारियों के खिलाफ मानहानि और झूठे आरोपों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू करने का अनुरोध किया गया है।"
सेना के बयान पर इमरान खान ने 6 नवंबर को कहा
सेना के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए खान ने रविवार को कहा कि वह हैरान हैं कि डीजी ISPR ने यह बयान इसलिए दिया, क्योंकि इमरान खान ने एक सैन्य अधिकारी पर आरोप लगाया था। खान ने कहा कि यह चौंकाने वाला है कि सेना के मीडिया विंग के प्रवक्ता ने कहा कि एक सैन्य अधिकारी की आलोचना करना पाकिस्तानी सेना को बदनाम करने के समान है।
खान ने कहा-"अगर मैं कहता हूं कि एक जज गलत है, तो इसका मतलब है कि पूरी न्यायपालिका गलत है। अगर कोई कहता है कि पीटीआई में एक भ्रष्ट व्यक्ति है, तो आपके अनुसार पूरी पार्टी भ्रष्ट है। क्या कोई तर्क है? श्रीमान डीजी ISPR, आप क्या कह रहे हैं?" इमरान खान ने डीजी ISPR को संबोधित करते हुए आगे सवाल किया, "सेना फिर कोर्ट-मार्शल क्यों करती है? ऐसा इसलिए है, क्योंकि एक अधिकारी कुछ गलत करता है, क्या यही वजह है कि इस तरह की प्रथा को अंजाम दिया जाता है?"
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पाकिस्तान की शक्तिशाली सेना ने अपने 75 से अधिक वर्षों के अस्तित्व के आधे से अधिक समय में तख्तापलट की आशंका वाले देश पर शासन किया है। उसने अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी शक्ति का प्रयोग किया है। खान ने हमले में कथित संलिप्तता के लिए तीन लोगों के नाम दोहराए हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से देश भर में विरोध प्रदर्शन जारी रखने का आग्रह किया, जब तक कि उन तीनों ने इस्तीफा नहीं दे दिया। खान ने यह भी घोषणा की कि वह अपने पैरों पर खड़े होने यानी अस्पताल से डिस्चार्ज होने के तुरंत बाद सरकार के खिलाफ विरोध मार्च फिर से शुरू करेंगे। अप्रैल में सत्ता से बेदखल किए गए और क्रिकेटर से नेता बने खान ने बार-बार दावा किया है कि उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव एक विदेशी साजिश का परिणाम थी।
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