सार
पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक व संवैधानिक संकट को खत्म करने के लिए बड़ा फैसला दिया है। अब इमरान खान को नेशनल असेंबली बुलाकर अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।
इस्लामाबाद। पाकिस्तान में राजनीतिक संकट (Pakistan Political Crisis) गहराने के बाद वहां संवैधानिक स्थितियां सही नहीं है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश के बाद देश पर छाए अनिश्चितता के बादलों के छंटने के आसार है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट कर दिया है कि पीएम इमरान खान (Prime Minister Imran Khan) को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना होगा। सु्प्रीम कोर्ट का यह आदेश उस वक्त आया जब पांच जजों वाले बेंच ने सर्वसम्मत से संसद को भंग करने के आदेश को असंवैधानिक करार दिया।
- पाकिस्तान में छाए राजनीतिक संकट के बादल अब छंटने लगे हैं। आईए जानते हैं देश में चल रहे वर्तमान हालात के पांच महत्वपूर्ण अपडेट्स-
- इमरान खान को अब 9 अप्रैल को अविश्वास प्रस्ताव का सामना करना पड़ेगा।
- संवैधानिक संकट ने 220 मिलियन लोगों के परमाणु-सशस्त्र राष्ट्र में आर्थिक और सामाजिक स्थिरता को खतरा पैदा कर दिया है।
- संवैधानिक संकट से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से कम हो गया। इसकी मुद्रा गुरुवार को सर्वकालिक निम्न स्तर पर पहुंच गई।
- यदि इमरान खान अविश्वास मत हार जाते हैं, तो विपक्ष अपने स्वयं के प्रधान मंत्री को नामित कर सकता है।
- इमरान खान को चुनाव में जाने के लिए अभी एक साल से अधिक समय का इंतजार करना पड़ेगा। क्योंकि पाकिस्तान में अगस्त 2023 में चुनाव होने हैं।
यह भी जानें...
सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को सुबह 10:30 बजे नेशनल असेंबली का सत्र फिर से बुलाने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के निष्कर्ष के बिना सत्र को स्थगित नहीं किया जा सकता है। न्यायमूर्ति बंदियाल ने घोषणा की कि उपसभापति ने 3 अप्रैल को फैसला सुनाया था। अध्यक्ष के फैसले को असंवैधानिक घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि मौजूदा मुद्दों को खत्म कर दिया गया है।
अविश्वास का सामना करने के पहले भंग करा दिया था सदन
दरअसल, विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया था। रविवार (3 अप्रैल) को अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान होने वाला था, लेकिन नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बाद इमरान खान ने नेशनल असेंबली को भंग करने और चुनाव कराने का फैसला किया था। रविवार को ही पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था। इसके बाद से रोज मामले की सुनवाई हुई।