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कंगाल हो रहे पाकिस्तान में डॉलर की कीमत 255 रुपया, दाने-दाने के मोहताज लोग बिजली को भी तरसे
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रिकॉर्ड निचले स्तर पर पाकिस्तानी रुपया
आतंकवाद को प्रश्रय देकर पड़ोसी देशों में अशांति फैलाने वाले देश में ही हाहाकार मचा हुआ है। अर्थव्यवस्था ढलान की ओर है। अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया गुरुवार को 24 रुपये गिरने से अब यह 255 रुपया प्रति अमेरिकी डॉलर पहुंच चुका है। यह रिकॉर्ड निचले स्तर पर है। दरअसल, आईएमएफ से लोन की उम्मीद में पाकिस्तान ने एक्सचेंज रेट पर अपनी ग्रिप ढीली कर दी है जो गिरावट का कारण बन रही।
पाकिस्तानी मनी एक्सचेंज कंपनियों ने लिमिट हटा दी
पाकिस्तान की मनी एक्सचेंज कंपनियों ने बुधवार से डॉलर-रुपये की दर पर सीमा हटा दी। कंपनियों ने कहा कि वे खुले बाजार में स्थानीय मुद्रा को धीरे-धीरे गिरने देंगे। पाकिस्तानी एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि पाकिस्तानी रुपया 24 रुपये गिर गया और दोपहर 1 बजे अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 255 रुपये पर कारोबार कर रहा था।
पाकिस्तान चाह रहा साढ़े छह बिलियन डॉलर फंड
आईएमएफ ने पाक सरकार से मनी एक्सचेंज रेट पर से अपना कंट्रोल खत्म करने और मार्केट फोर्सेस को एक्सचेंज रेट निर्धारित करने को कहा था। आईएमएफ की इस शर्त को पाकिस्तान सरकार ने आसानी से मान लिया। पाकिस्तान 6.5 बिलियन डॉलर की फंडिंग प्राप्त करने के लिए ग्लोबल एजेंसी की मंजूरी हासिल करना चाह रहा है। पाकिस्तान ने पिछले साल आईएमएफ से बेलआउट पैकेज हासिल किया था लेकिन इस साल फंड रुका हुआ है। आईएमएफ से इस फंड को हासिल करने के लिए पाकिस्तान उसकी हर शर्त मानने को मजबूर हो रहा।
पाकिस्तान में दाने-दाने का संकट
पाकिस्ताना में विदेशी मुद्रा भंडार करीब-करीब खत्म है। इस वजह से देश में बड़े पैमाने पर खाद्य मुद्रास्फीति को जन्म दिया है। आलम यह है कि देश में आटा डेढ़ से दो सौ रुपये किलोग्राम तक नहीं मिल पा रहा है। खाद्यान्न संकट की वजह से लोगों में व्यापक स्तर पर विरोध है। पाकिस्तान के कई क्षेत्र जिसमें गिलगिट, पीओके आदि शामिल है, के लोगों ने भारत में फिर से विलय की इच्छा तक जता दी है।
बिजली कई कई दिनों तक गुल
खाद्यान्न संकट के साथ साथ देश में उर्जा की भी भारी कमी है। बिजली कई कई दिनों तक कई क्षेत्रों में गुल रह रही है। रसोई गैस के लिए लंबी-लंबी लाइनें लग रही हैं।