सार
चीन के राष्ट्रपित शी जिनपिंग ने अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच चाइनीज आर्म्ड फोर्सेस को विश्व स्तरीय बनाने का आह्वान किया है। चाइनीज प्रेसीडेंट ने कहा कि चीन की आर्म्ड फोर्सेस को वर्ल्ड क्लास स्टैंडर्ड में तब्दील किया जाए।
बीजिंग. चीन के प्रेसीडेंट शी जिनपिंग ने कहा कि चाइनीज सशस्त्र बलों को विश्व स्तरीय मानकों के अनुसार तेजी से तब्दील करने की जरूरत है। अमेरिका के साथ बढ़ते तनाव के बीच चीनी राष्ट्रपति के इस बयान को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की रिपोर्ट बताती है कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी और राष्ट्रपति के अलावा सेना के प्रमुख शी जिनपिंग ने बुधवार को बीजिंग में वार्षिक संसद सत्र में भाग लिया और पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के प्रतिनिधियों की बैठक के दौरान यह टिप्पणी की है।
वर्ल्ड स्टैंडर्ड को करना होगा फॉलो
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण के साथ-साथ 2027 में पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का शताब्दी वर्ष भी है। हमें अपने लक्ष्य को पाने के लिए सशस्त्र बलों को तेजी से उन्नत करने का काम करना चाहिए। इसके लिए एकीकृत राष्ट्रीय रणनीति और क्षमताओं को मजबूत करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों को देश की सेवा करने और युद्ध जीतने के लिए और मजबूत करने की जरूरत है। सेना को रक्षा विज्ञान, तकनीकी, प्रौद्योगिकी को बेहतर करने की आवश्यकता है। चीन की राष्ट्रीय सामरिक क्षमता पर प्रकाश डालते हुए शी जिनपिंग ने कहा कि सामरिक जोखिम और सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पीएलए को उन्नत बनाने की जरूरत है। कहा कि हमें अपने संसाधनों और शक्तियों को एक करने का प्रयास करना चाहिए ताकि सामरिक हितों की रक्षा और उद्देश्य पूरे हो सकें।
आत्मनिर्भरता पर दिया जोर
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कहा कि हमें विज्ञान और प्रौद्योगिकी में उच्च स्तर की आत्मनिर्भरता बढ़ानी होगी। साथ ही इसे ताकत बनाकर तेजी से काम करना होगा। शी ने कहा कि प्रमुख बुनियादी ढांचे के निर्माण में समन्वय होना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा को और बेहतर बनाने की आवश्यकता है। शी ने नये विचारों के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मजबूत देश के निर्माण के लिए जनता के बीच राष्ट्रीय रक्षा की देखभाल, समर्पण, निर्माण और सुरक्षा के लिए ठोस माहौल बनाने का प्रयास होना चाहिए। हाल ही में चीनी राष्ट्रपति ने अमेरिकी नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों का विरोध किया था और इसे चीन के लिए गंभीर चुनौती भी बताया। बीते मंगलवार को चीन के रक्षा मंत्री ने भी अमेरिका की तीखी आलोचना की थी और कहा कि चीन को रोकने की हसरत कभी पूरी नहीं होगी। उन्होंने उस घटना का भी जिक्र किया जिसमें अमेरिकी लड़ाकू विमान ने अमेरिकी हवाई क्षेत्र में उड़ रहे मानव रहित चीनी गुब्बारे को मार गिराया था। उन्होंने अमेरिका पर इंटरनेशनल कानून का उल्लंघन करने का भी आरोप लगाया।
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