सार
अमेरिका के न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में अक्षरधाम मंदिर बनकर तैयार हो गया है। इसके उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऋषि सुनक ने शुभकामनाएं दी हैं।
न्यू जर्सी। अमेरिका के न्यू जर्सी के रॉबिंसविले में बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। 30 सितंबर से अक्षरधाम मंदिर का बहुप्रतीक्षित समर्पण समारोह चल रहा है। 9 दिन का यह समारोह परम पावन महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में जारी है। दुनिया भर के राष्ट्राध्यक्षों सहित सम्मानित नेताओं ने इस अवसर पर शुभकामनाएं दी हैं। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इसे सांस्कृतिक मील का पत्थर बताया है।
विश्व स्तर पर बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम हिंदू कला, वास्तुकला और संस्कृति का मील का पत्थर है। वे आध्यात्मिक और सामुदायिक केंद्र के रूप में कार्य करते हैं। ये सभी धर्मों और पृष्ठभूमि के लोगों के लिए खुले हैं। न्यू जर्सी में अक्षरधाम विश्व स्तर पर तीसरा ऐसा सांस्कृतिक परिसर है। पहला अक्षरधाम 1992 में भारत के गुजरात की राजधानी गांधीनगर में बनाया गया था। उसके बाद 2005 में नई दिल्ली में अक्षरधाम बनाया गया था।
नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर दी शुभकामनाएं
न्यू जर्सी में अक्षरधाम मंदिर के उद्घाटन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पत्र लिखकर शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने पत्र में कहा, "मुझे न्यू जर्सी के रॉबिन्सविले में अक्षरधाम महामंदिर के उद्घाटन समारोह के बारे में जानकर खुशी हुई। यह दुनिया भर में मौजूद भक्तों के लिए गहन आध्यात्मिक महत्व का अवसर है। मंदिर सदियों से सेवा और सामाजिक-सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहे हैं। वे न केवल भक्ति के केंद्र हैं बल्कि कला, स्थापत्य उत्कृष्टता, साहित्य और ज्ञान को अभिव्यक्ति देने के लिए मंच के रूप में भी काम करते हैं। अक्षरधाम महामंदिर का उद्घाटन समारोह भारतीय वास्तुकला उत्कृष्टता और हमारी गौरवशाली प्राचीन संस्कृति और लोकाचार को प्रदर्शित करता है। उद्घाटन इस प्रयास की शुभता और महत्व को बढ़ाएगा। बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था और इस पहल में शामिल सभी लोगों को शुभकामनाएं।”
न्यू जर्सी में अक्षरधाम का भव्य समर्पण समारोह 8 अक्टूबर को होने वाला है। इस मंदिर के निर्माण में पूरे उत्तरी अमेरिका के 12,500 से अधिक स्वयंसेवकों ने 12 साल तक योगदान दिया है। अक्षरधाम मंदिर को पत्थर से बनाया गया है। इसका शिल्प कौशल अद्भुत है। यह आध्यात्मिक महत्व के साथ जटिल कलात्मकता का मिश्रण है।