सार

पक्षियों में पाया जाने वाला इन्फ्लूएंजा वायरस है H5N1. H5N1 के नाम से जाना जाने वाला एवियन इन्फ्लूएंजा तेजी से इंसानों में फैल रहा है।

एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि बिल्लियाँ, पक्षियों को संक्रमित करने वाले H5N1 वायरस की वाहक बन सकती हैं। टेलर एंड फ्रांसिस नामक जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी में इस बारे में बताया गया है। H5N1, पक्षियों में पाया जाने वाला इन्फ्लूएंजा वायरस है। एवियन इन्फ्लूएंजा के नाम से जाना जाने वाला H5N1 तेजी से इंसानों में फैल रहा है। स्टडी में कहा गया है कि बिल्लियों में एक या दो म्यूटेशन, वायरस को इंसानों में आसानी से प्रवेश करने की अनुमति दे सकते हैं।

अप्रैल में साउथ डकोटा के एक घर में हाल ही में दस बिल्लियों की मौत हो गई थी। शोधकर्ताओं ने उनके शरीर का विश्लेषण किया। विशेषज्ञों का कहना है कि बिल्ली में सांस लेने और नर्वस सिस्टम से जुड़ी समस्याओं के लक्षण दिखाई दिए।

स्टडी में यह भी बताया गया है कि चूँकि इंसान बिल्लियों के साथ ज्यादा संपर्क में रहते हैं, इसलिए बिल्लियों में एक या दो बार म्यूटेशन वाला वायरस इंसानों तक पहुँचने की संभावना बहुत ज्यादा है। शोधकर्ताओं का कहना है कि बिल्लियों में H5N1 वायरस का लगातार संपर्क, वायरल ट्रांसमिशन और म्यूटेशन, महामारी और सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए गंभीर चिंताएँ पैदा करते हैं।

H5N1 से संक्रमित होकर मरी हुई बिल्ली के दिमाग, फेफड़ों और पेट से लिए गए सैंपल में, सूअरों की तरह, उनकी कोशिकाओं को स्तनधारियों और पक्षियों दोनों से इन्फ्लूएंजा से जल्दी संक्रमित होने की संभावना पाई गई।

बिल्लियों में पाया गया वायरस लगभग 80 किलोमीटर दूर एक डेयरी फार्म के मवेशियों में पाए गए एक वर्जन जैसा ही है। बिल्लियों के शरीर के पास पक्षियों के पंख मिले थे। शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे संकेत मिलता है कि उन्होंने फार्म से वायरस से संक्रमित जंगली पक्षियों को खाया होगा।

शोधकर्ताओं का कहना है कि संक्रमित बिल्लियों में म्यूटेशन वाला वायरस सांस और पाचन तंत्र के जरिए बाहर निकलने और इंसानों में तेजी से फैलने की संभावना ज्यादा होती है।