सार
सीरिया में एक दशक से जारी गृहयुद्ध में विद्रोहियों ने रूस, अमेरिका जैसे देशों के समर्थन के बावजूद असद सरकार को लगातार कमजोर किया है। विद्रोही कई शहरों पर कब्ज़ा कर राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं।
Syria Civil War: दुनिया के महाशक्तिशाली देशों के सैन्य बैकअप के बाद भी सीरियाई सेना पर विद्रोही हावी होते जा रहे हैं। एक के बाद एक शहरों पर सीरिया के विद्रोही अपना कब्जा करते जा रहे हैं। रूस, अमेरिका और ईरान जैसे देश सीरिया की असद सरकार के साथ खड़ी है लेकिन लगातार विद्रोही आगे बढ़ रहे हैं। राष्ट्रपति बशर अल-असद की पकड़ कमजोर होती जा रही है। विद्रोही देश की राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं।
दरअसल, सीरिया में एक दशक से अधिक समय से गृहयुद्ध जारी है। गृहयुद्ध के चलते लाखों लोग मारे जा चुके हैं। शुरूआत में शुरू हुआ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कई सालों से हिंसक युद्ध में बदल चुका है। हालांकि, बीते साल से विद्रोहियों ने लड़ाई तेज कर दी है। हिंसक विद्रोह के चलते आम नागरिक मारे जा रहे हैं साथ ही लाखों लोग विस्थापित भी हुए हैं। अत्यधिक रिफ्यूजी दूसरे देशों में शरण लेने पहुंचने से सीरिया के पड़ोसी मुल्कों ने अपने बॉर्डर सील कर दिए हैं। जॉर्डन, लेबनान सहित विभिन्न देशों ने अब अपने बॉर्डर से नो एंट्री कर दी है।
विद्रोही एक के बाद एक शहर कर रहे कब्जा
विद्रोहियों ने लड़ाई तेज करते हुए एक के बाद एक शहरों पर अपना कब्जा जमाते हुए राजधानी दमिश्क की ओर बढ़ रहे हैं। दमिश्क से करीब 100 किलोमीटर दूर दरा शहर पर भी भीषण युद्ध के बाद विद्रोहियों ने कब्जा कर लिया है। इसके पहले अलेप्पो, हामा सहित आधा दर्जन से अधिक बड़े और महत्वपूर्ण शहरों पर विद्रोहियों ने भयंकर युद्ध के बाद सीरिया सेना को पीछे धकेलते हुए अपना कब्जा जमा लिया है। रूसी सेना की बमबारी के बावजूद विद्रोहियों का मनोबल नहीं टूटा और वह लगातार आगे बढ़ते जा रहे हैं।
महाशक्ति देशों का सीरिया को समर्थन
सीरिया को गृहयुद्ध में महाशक्तियों का समर्थन है। अमेरिका, रूस, ईरान जैसे देश सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन के साथ हैं। रूस ने 2015 में असद सरकार की मदद के लिए अपना सैन्य हस्तक्षेप किया था। वह तबसे लगातार असद सरकार की सेना के साथ है। रूस सीरिया के पश्चिमी प्रांत लताकिया में एक एयरबेस चला रहा है। रूस को सीरिया में ईरान का साथ मिल रहा है। ईरान ने असद की मदद के लिए 2012 की शुरुआत में ही सीरिया में रिवोल्यूशनरी गार्ड्स तैनात कर दिए थे। ईरान से मदद पाने वाले लेबनान के हिजबुल्लाह ने भी असद सरकार की मदद की है। इसके अलावा अफगानिस्तान और इराक के लड़ाकों सहित ईरान द्वारा समर्थित अन्य शिया इस्लामी समूहों ने भी लड़ाई में असद का साथ दिया है।
अमेरिका भी है असद की सेना के साथ...
सीरिया में विद्रोह को दबाने के लिए असद सेना की मदद के लिए अमेरिका भी साथ खड़ा है। सीरिया में अमेरिका ने आईएस जैसे विद्रोही समूहों को खत्म करने के लिए 2014 से अपनी सैन्य टुकड़ियां तैनात कर रखी है। वर्तमान में सीरिया में करीब 900 अमेरिकी सैनिक हैं।
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