सार
महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करने का दावा करते हुए दूसरी बार तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान की सत्ता संभाली थी। लेकिन, 15 अगस्त 2021 को सत्ता में आने के बाद तालिबान ने महिलाओं को नागरिक तक मानने से इनकार कर दिया। सरकारी और सार्वजनिक क्षेत्रों से महिलाओं को निकालने के बाद, तालिबान ने लड़कियों की शिक्षा छठी कक्षा तक सीमित कर दी। शिक्षा से वंचित करने के खिलाफ अफ़ग़ान महिलाओं ने विरोध किया, लेकिन तालिबान ने सभी विरोधों को कुचल दिया। अब तालिबान ने देश में काम करने वाले विदेशी NGO को महिलाओं को नौकरी पर न रखने की चेतावनी दी है।
तालिबान ने चेतावनी दी है कि महिलाओं को रोजगार देने वाले सभी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय गैर-सरकारी संगठनों को बंद कर दिया जाएगा। पिछले रविवार की रात एक्स सोशल मीडिया पर अफ़ग़ानिस्तान के आर्थिक मंत्रालय ने एक पोस्ट में चेतावनी दी कि अगर उनके नए आदेश का उल्लंघन किया गया तो NGO का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, फारसी भाषा में लिखे इस पोस्ट में कहा गया है कि गैर-सरकारी संगठनों के पंजीकरण के लिए आर्थिक मंत्रालय जिम्मेदार है और सभी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय NGO के कामकाज का समन्वय, नेतृत्व और निगरानी करता है।
गैर-सरकारी और विदेशी संस्थानों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को नौकरी से निकालने का आदेश फिर से जारी किया जा रहा है। एक्स पर पोस्ट में कहा गया है कि अगर कोई संस्था सहयोग नहीं करती है, तो उसकी सभी गतिविधियों को रोक दिया जाएगा और मंत्रालय द्वारा जारी किया गया लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। दो साल पहले तालिबान ने NGO से कहा था कि जो अफ़ग़ान महिलाएं इस्लामिक हिजाब ठीक से नहीं पहनती हैं, उन्हें अस्थायी रूप से नौकरी से निकाल दिया जाए।
2021 में दूसरी बार सत्ता में आने के बाद, तालिबान ने महिलाओं के बिना पुरुष रिश्तेदारों के साथ लंबी दूरी की यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया था। साथ ही, महिलाओं के पार्क और स्विमिंग पूल जैसे सार्वजनिक स्थानों पर जाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया था। तालिबान ने महिलाओं के घरों के सामने वाली इमारतों में खिड़कियां बनाने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था। तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर एक बयान में कहा था कि खुले में सार्वजनिक रसोई में काम करने वाली और सार्वजनिक कुओं से पानी भरने वाली महिलाएं अश्लील गतिविधियों का कारण बन सकती हैं।