सार
एलन मस्क ने जस्टिन ट्रुडो के राजनीतिक भविष्य पर तंज कसा है, जिससे सोशल मीडिया पर चर्चा गर्म है। कई यूजर्स ने तो जस्टिन ट्रूडो को हटाने में एलन मस्क से मदद की गुहार तक लगाई है।
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे अमीर शख्स और टेस्ला के मालिक एलन मस्क ने जस्टिन ट्रुडो को लेकर कुछ ऐसा कह दिया है कि सोशल मीडिया पर लोग कनाडा के प्रधानमंत्री के जमकर मजे ले रहे हैं। दरअसल, एलन मस्क ने जस्टिन ट्रूडो के पॉलिटिकल करियर को लेकर तंज कसा है। इसमें उन्होंने कहा है कि अगले साल होने वाले चुनाव में जस्टिन ट्रुडो का जाना तय है।
ट्रुडो से छुटकारा दिलाने में करें मदद..मस्क से किसने लगाई गुहार?
दरसअल, सोशल मीडिया पर एक शख्स ने एलन मस्क से मदद मांगते हुए ट्वीट किया। इसमें उसने लिखा- कनाडा में जस्टिन ट्रुडो से छुटकारा पाने में हमें आपकी मदद की जरूरत है। इस पर रिप्लाई करते हुए एलन मस्क ने कमेंट किया-आगामी चुनाव में ट्रुडो नहीं आ रहे हैं। इस पर @RonningJ नाम के यूजर ने लिखा- हम 11 महीने इंतजार नहीं कर सकते।
एलन मस्क की बात पर लोग लेने लगे ट्रुडो के मजे
एलन मस्क की बात पर लोग जस्टिन ट्रुडो के मजे लेते नजर आए। कई लोगों ने तो कनाडा में जल्द से जल्द चुनाव कराने तक की मांग कर डाली। एक यूजर ने कहा- भले ही ये आसान न हो, लेकिन कैसा रहे, अगर अमेरिका और कनाडा के बीच बाउंड्री को खत्म कर कनाडा को भी अमेरिका का ही एक हिस्सा बना दिया जाए। ये वैसा ही होगा, जैसे प्यूर्टोरिको, वर्जिन आइलैंड या गुआम हैं।
'आप ही कनाडा को खरीद फिर से महान बनाएं'
एक अन्य यूजर ने एलन मस्क से गुहार लगाते हुए कहा- कनाडा को फिर से महान बनाने के लिए क्या आप उसे खरीद सकते हैं? वहीं, एक और शख्स ने कमेंट करते हुए लिखा- मैं आपको जस्टिन ट्रुडो सरकार के जाने की गारंटी देता हूं। उनकी सरकार के किसी भी दिन गिरने की संभावना है।
जगमीत के सपोर्ट खींचने से अल्पमत में आई ट्रुडो सरकार
बता दें कि कनाडा में न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के खालिस्तान समर्थक नेता जगमीत सिंह के ट्रुडो सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद उनकी सरकार अल्पमत में आ चुकी है। जगमीत सिंह की पार्टी 2022 से लिबरल पार्टी के साथ थी, लेकिन सितंबर 2024 में उसने एक वीडियो जारी करते हुए समर्थन वापस लेने की बात कही। जगमीत ने ऐसा करने के पीछे जो वजह बताई, वो ये थी कि जस्टिन ट्रुडो सरकारने खुद को बिजनेसमैनों के आगे झुका दिया है। बता दें कि NDP जब तक ट्रुडो सरकार के साथ थी तो अपनी जरूरतों के हिसाब से नीतियां लागू करवाती थी।
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