सार

अमेरिका में गुरुवार को वॉशिंगटन में स्थित कैपिटल बिल्डिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने जमकर उत्पाद मचाया। इस हिंसा के लिए अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया भर में ट्रम्प की आलोचना हो रही है। यहां तक की लोग इसके लिए ट्रम्प को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अमेरिकन वेबसाइट THE HILL की रिपोर्ट के मुताबिक, 200 से ज्यादा सांसद चाहते हैं कि ट्रम्प पर महाभियोग चलाया जाए। वहीं, कुछ लोग चाहते हैं कि ट्रम्प को भड़काऊ भाषण के लिए सजा मिले। 

वॉशिंगटन. अमेरिका में गुरुवार को वॉशिंगटन में स्थित कैपिटल बिल्डिंग में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के समर्थकों ने जमकर उत्पाद मचाया। इस हिंसा के लिए अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया भर में ट्रम्प की आलोचना हो रही है। यहां तक की लोग इसके लिए ट्रम्प को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। अमेरिकन वेबसाइट THE HILL की रिपोर्ट के मुताबिक, 200 से ज्यादा सांसद चाहते हैं कि ट्रम्प पर महाभियोग चलाया जाए। वहीं, कुछ लोग चाहते हैं कि ट्रम्प को भड़काऊ भाषण के लिए सजा मिले। 

अमेरिका में 20 जनवरी को ही नया राष्ट्रपति शपथ लेता है। संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति को उनकी कैबिनेट ही पद से हटा सकती है। कैबिनेट के बहुमत के साथ ही उपराष्ट्र्रपति का समर्थन भी जरूरी है। ऐसे में गुरुवार को हुई हिंसा के लिए ट्रम्प की कैबिनेट उन्हें ही दोषी मान रही है। इतना ही नहीं , इसे लेकर बैठकें भी की जा रही हैं। 

ट्रम्प के पास उपराष्ट्रपति का समर्थन  
सीएनएन की रिपोर्ट की मुताबिक, ट्रम्प पर महाभियोग चलाना मुश्किल है। उन्हें हटाना भी कठिन है। इसकी प्रमुख वजह हैं उपराष्ट्रपति माइक पेंस। वे ट्रम्प के समर्थन में है। पेंस नहीं चाहते कि ट्रम्प पर महाभियोग चले या वे कुर्सी से हटें। 
 
क्या जेल होगा ट्रम्प का नया घर ?
एक और वेबसाइट USA TODAY की मानें तो अमेरिकी जांच एजेंसियों के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि ट्रम्प के भड़काऊ भाषण के बाद ही हिंसा फैली।  कॉर्नेल लॉ इंस्टीट्यूट के प्रोफेसर डेविड ओह्लिन ने कहा- बिल्कुल, हिंसा के लिए ट्रम्प जिम्मेदार हैं। उन्होंने अपराध किया है और उन पर केस चलना चाहिए। जॉर्ज वॉशिंगटन लॉ यूनिवर्सिटी के डीन फ्रेडरिक लॉरेंस का भी यही मानना है। 

लेकिन वहीं, इन सब से बचने के लिए ट्रम्प के पास दो विकल्प हैं। पहला राष्ट्रपति के तौर पर वे अपनी गलती को खुद माफ कर सकते हैं। वहीं, दूसरा अगर केस हुआ तो लंबा चलेगा। इसमें वे कानूनी खामियों का फायदा उठाकर बच सकते हैं।