सार
वाशिंगटन। अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को भारतीय अमेरिकी वकील हरमीत के ढिल्लन को न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के लिए सहायक अटॉर्नी जनरल पद के लिए चुना है। हरमीत चौथी भारतीय अमेरिकी हैं जिन्हें ट्रम्प 2.0 कैबिनेट में जगह मिलने जा रही है। उनसे पहले ट्रम्प ने डॉ. जय भट्टाचार्य, विवेक रामास्वामी और कश्यप 'काश' पटेल को बड़ी जिम्मेदारी देने के लिए चुना था।
ट्रम्प ने एक्स पर पोस्ट किया, "हरमीत देश के शीर्ष चुनाव वकीलों में से एक हैं। वह यह सुनिश्चित करने के लिए लड़ रही हैं कि सभी और केवल कानूनी वोटों की गिनती की जाए। हरमीत सिख समुदाय की सम्मानित सदस्य हैं। डीओजे में अपनी नई भूमिका में वह हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षक होंगी। हमारे नागरिक अधिकारों और चुनाव कानूनों को निष्पक्ष और दृढ़ता से लागू करेंगी।"
ट्रम्प के पोस्ट के जवाब में हरमीत ने X पर लिखा, "मैं हमारे देश के नागरिक अधिकार एजेंडे में सहायता करने के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प के नामांकन से बेहद सम्मानित महसूस कर रही हूं। हमारे महान देश की सेवा करने में सक्षम होना मेरा सपना रहा है। मैं अपनी मां और भाई के समर्थन के बिना आज यहां नहीं होती। मेरे पिता तेजपाल और पति सर्व इस दिन को देखने के लिए जीवित नहीं रहे। मुझे उम्मीद है कि मैं भगवान की कृपा से उनकी यादों का सम्मान करूंगी।"
कौन हैं हरमीत के ढिल्लन?
हरमीत के ढिल्लन का जन्म 2 अप्रैल 1969 को चंडीगढ़ में हुआ था। जब वह दो साल की थी तब परिवार के साथ अमेरिका चली गईं। उसके माता पिता नॉर्थ कोरोलिना में रहे। बाद में वह न्यूयॉर्क सिटी चली गईं।
हरमीत ने डार्टमाउथ कॉलेज से क्लासिकल स्टडीज और अंग्रेजी में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इसके बाद वर्जीनिया स्कूल ऑफ लॉ यूनिवर्सिटी से ज्यूरिस डॉक्टर की उपाधि प्राप्त की। वह वर्जीनिया लॉ रिव्यू के संपादकीय बोर्ड की सदस्य थीं।
हरमीत ने अपना करियर यू.एस. कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर द फोर्थ सर्किट के जज पॉल वी नीमेयर के लिए लॉ क्लर्क के रूप में शुरू किया था। बाद में वह डिपार्टमेंट ऑफ जस्टिस, सिविल डिवीजन के संवैधानिक टोर्ट्स सेक्शन में काम किया। इसके बाद लॉ फर्म गिब्सन, डन एंड क्रचर में शामिल हो गईं। यहां उन्हें जटिल सिविल मुकदमेबाजी और संवैधानिक कानून में अनुभव मिला। न्यूयॉर्क, लंदन, सिलिकॉन वैली और सैन फ्रांसिस्को में अंतरराष्ट्रीय कानून फर्मों में एक दशक तक काम करने के बाद हरमीत ने 2006 में अपनी खुद की लॉ फर्म ढिल्लन लॉ ग्रुप की स्थापना की।
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