सार

अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज सौदे पर बातचीत जारी है। अमेरिका, रूस से लड़ाई में मदद के बदले यूक्रेन के प्राकृतिक संसाधनों में हिस्सेदारी चाहता है। क्या अमेरिका पाइपलाइन का कंट्रोल लेकर रूस पर दबाव बनाएगा?

US Ukraine Mineral Deal: अमेरिका और यूक्रेन के बीच खनिज सौदे को लेकर बातचीत का एक और दौर शुरू हो गया है। अमेरिका रूस के खिलाफ लड़ाई (Russia Ukraine War) में मदद के बदले यूक्रेन से उसके प्राकृतिक संसाधनों में बड़ी हिस्सेदारी चाहता है। इस बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने एक नई मांग की है। अमेरिका चाहता है कि यूक्रेन अपने यहां से गुजरने वाली पाइपलाइन का कंट्रोल उसे दे। इस पाइपलाइन से रूसी गैस यूरोप भेजा जाता है।

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी अधिकारियों द्वारा पेश किए गए नए मसौदा प्रस्ताव फरवरी में पेश किए गए मूल वर्जन की तुलना में अधिक कठोर है। पहले कीव द्वारा वाशिंगटन को 500 बिलियन डॉलर (43.09 करोड़ रुपए) की दुर्लभ धातुओं के साथ-साथ तेल और गैस देने का प्रस्ताव रखा गया था।

यूक्रेन के साथ खनिज डील क्यों करना चाहता है अमेरिका?

ट्रंप यूक्रेन के खनिज भंडारों पर कंट्रोल चाहते हैं। इसमें बेशकीमती रेयर अर्थ मिनरल्स शामिल हैं। ट्रंप इसे रूस-यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद पिछले बाइडेन प्रशासन द्वारा यूक्रेन को दिए गए हथियारों के बदले "भुगतान" के रूप चाहते हैं।

ट्रंप ने दावा किया है कि अमेरिका ने यूक्रेन को 300 से 350 बिलियन डॉलर (30.16 लाख करोड़ रुपए) की सहायता दी है। वह डील के माध्यम से ये पैसा वापस लेना चाहते हैं। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पिछले साल सितंबर में ट्रम्प के साथ प्रस्तावित समझौते पर पहली बार चर्चा की थी। उस समय ट्रंप राष्ट्रपति चुनाव के लिए रिपब्लिकन उम्मीदवार थे।

यूक्रेन ने अमेरिका को यूक्रेन के अविकसित खनिज क्षेत्र तक पहुंच देने का प्रस्ताव रखा था। जेलेंस्की ने एक ऐसे सौदे का विचार रखा था जिसके तहत आने वाला ट्रम्प प्रशासन यूक्रेन को हथियार मुहैया कराएगा। इसके बदले अमेरिका को संयुक्त निवेश से भविष्य में लाभ मिलेगा। वाशिंगटन ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई स्पष्ट वादा नहीं किया है।

क्या है अमेरिका का नया प्रस्ताव?

नए प्रस्ताव के अनुसार यूक्रेन अमेरिका को अपने खनिज भंडारों तक विशेषाधिकार प्राप्त पहुंच देगा। सरकारी और प्राइवेट कंपनियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन से होने वाली आमदनी एक संयुक्त निवेश कोष रखी जाएगी। हालांकि, प्रस्तावित समझौते से कीव को अमेरिकी सुरक्षा गारंटी नहीं मिलेगी। यह यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

नए प्रस्ताव में मांग की गई है कि अमेरिकी सरकार का अंतर्राष्ट्रीय विकास वित्त निगम प्राकृतिक गैस पाइपलाइन का नियंत्रण अपने हाथ में लेगा। यह पाइपलाइन पश्चिमी रूस के सुदझा शहर से यूरोपीय संघ और स्लोवाकिया की सीमा पर स्थित यूक्रेनी शहर उझोरोद तक जाती है। इससे रूसी गैस यूरोप पहुंचाया जाता है।

इस पाइपलाइन को सोवियत काल में बनाया गया था। रूसी सरकारी ऊर्जा कंपनी गैजप्रोम के साथ 5 साल का अनुबंध समाप्त होने पर 1 जनवरी 2025 को यूक्रेन ने इसे बंद कर दिया था। यह पाइपलाइन रूस, यूक्रेन और यूरोप के लिए अहम है। इससे रूस अपना गैस यूरोप के देशों में बेच बाता है। दूसरी ओर यूक्रेन को पारगमन शुल्क के रूप में अच्छी आमदनी होती है। पाइपलाइन का कंट्रोल अमेरिका को मिलता है तो इस क्षेत्र में उसकी ताकत बढ़ेगी। वह रूस और यूरोप के देशों पर अधिक दबाव बना पाएगा।

पीछे हटने के लिए तैयार नहीं यूक्रेन

जेलेंस्की ने कहा कि खनिज सौदा दोनों देशों के लिए लाभदायक होना चाहिए। इसे यूक्रेन के आधुनिकीकरण में मदद मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा, "मैं केवल यूक्रेन के अधिकार का बचाव कर रहा हूं। यह अमेरिका और यूक्रेन दोनों के लिए फायदेमंद होना चाहिए। यह सही काम है।"