सार

कोरोना महामारी ने अच्चे खासे व्यक्ति को बीमार बना दिया है। ऐसे में हाल ही में एक सर्वे के दौरान WHO की ओर से रिपोर्ट पेश की गई जिसमें मनुष्यों में ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टिंग के रेशियों में दो साल की गिरवाट दर्ज की गई है।

वर्ल्ड न्यूज। कोरोना महामारी आई और न जाने कितनी जिंदगियों को लील गई। कितनी गृहस्थियां बर्बाद हो गईं। कोविड का इफेक्ट लोगों के जीवन पर अभी तक देखने को मिल रहा है। खास बात ये है कि कोविड के बाद से लोगों में एक इन्सिक्योरिटी जैसी आ गई है। जिन लोगों को पहले कोविड की समस्या हुई थी उन लोगों में कई तरह की बीमारियां भी देखने को मिल रही है। डब्लूएचओ (WHO) की रिपोर्ट के मुताबिक हुए सर्वे में ये बात सामने आई है कि कोविड के बाद से ग्लोबल लाइफ एक्सपेंटेंसी यानी वैश्विक स्तर पर जीवन जीने की क्षमता में  करीब 2 साल की गिरावट देखने को मिली है। 

जिंदगी के दो साल कम हो रहे 
WHO की रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के बाद लाइफ स्टाइल में आए बदलाव के बाद से मनुष्य की एक्सपेक्टेड लाइफ में दो साल की गिरावट देखी जा रही है। यूएन हेल्थ एजेंसी ने ये भी कहा कि कोविड-19 महामारी ने जन्म के समय लाइफ एक्सपेक्टेंसी और जन्म के समय हेल्थ एक्सपेक्टेंसी में बढ़ोतरी की टेंडेंसी को पलटकर रख दिया है। डब्लूएचओ वर्ल्ड हेल्थ स्टैटिस्टिक रिपोर्ट  के मुताबिक ग्लोबल लाइफ एक्सपेंटेंसी में 1.8 वर्ष गिरावट के बाद 71.4 वर्ष हो गई है जो 2012 के समान स्तर पर है।

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जनवरी में लैंसेट की ओर से दी गई सर्वे रिपोर्ट में यह और भी अधिक गिर गई। इसमें ग्लोबल लाइफ एक्सपेक्टेंसी में कहा गया था कि महामारी के दौरान औसत जीवन प्रत्याशा 1.6 वर्ष गिर गई। ऐसे में कहा जा सकता है कि कोविड के बाद से मनुष्यों की जीवन जीने की क्षमता में अधिक प्रभाव पड़ा है। अनुमान है कि 2020-2021 के बीच कोरोना से 15.9 मिलियन अतिरिक्त मौतें हुईं।