सार

फिलिस्तीनी इलाके गाजा की रहने वाली वल्ला हम्माद ने रूढ़िवादी परंपराओं से हटकर मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू किया। आज आसपास की सभी महिलाएं पुरुष टेक्नीशियन के बजाए उनसे मोबाइल बनवाने में ज्यादा सेफ महसूस करती हैं। इससे उनका बिजनेस भी चल निकला है।  

वर्ल्ड न्यूज। गाजा के रूढ़िवादी फिलिस्तीनी इलाके में मोबाइल फोन की मरम्मत के लिए ज्यादातर मेल टेक्नीशियन ही हैं। ऐसे में महिलाएं अपनी फोन को रिपेयर करने के लिए किसी पुरुष टेक्नीशियंस को देने में हिचकिचाती हैं। उन्हें उनकी प्राइवेसी या तस्वीरों वायरल होने का डर बना रहता है। लेकिन अब उनकी प्रॉब्लम खत्म हो गई है। गाजा की वला हम्माद ने घर में ही अपनी मोबाइल रिपेयरिंग का काम शुरू किया है जिससे महिलाओं सुविधा हो गई है। 

टेक्नीशियन हम्माद की मोबाइल रिपेयरिंग कंपनी
गाजा की वल्ला हम्माद ने महिलाओं की समस्या को समझा और घर में मोबाइल रिपेयर करने वाली कंपनी बना ली। हम्माद ने 'अमजाद फॉर कम्युनिटी क्रिएटिविटी एंड डेवलपमेंट' की मदद से अपना व्यवसाय स्थापित किया। यह एक गैर-सरकारी संगठन है जिसका उद्देश्य कार्यशालाओं और अन्य एक्टीविटीज सिखाकर बेरोजगार ग्रेजुएट और पढ़ी-लिखी महिलाओं को काबिल बनाना है। इस ऑर्गेनाइजेशन का उद्देश्य महिलाओं को जॉब के अवसर देना और उनकी मदद करना है। 

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आधी आबादी बेरोजगार
अवरुद्ध गाजा पट्टी ऐसा इलाका है जहां आधी आबादी बेरोजगार है। उनके जॉब के अवसर मिलना भी मुश्किल है खासकर महिलाओं के लिए। लेकिन कहते हैं न अपनी कमजोरी को अपनी ताकत बना लो तो इंसान कभी असफल नहीं हो सकता है। गाजा की व्ल्ला हम्माद ने भी ऐसा ही किया औऱ मोबाइल रिपेयरिंग की फील्ड में आ गईं। 

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क्या कहती हैं हम्माद
हम्माद कहती हैं कि उनके पास महिलाएं और लड़कियां अपने मोबाइल ठीक कराने के लिए बेझिझक चली आती हैं। उन्हें तस्वीरें वायरल होने या फोटो से कोई छेड़छाड़ करने का डर भी नहीं रहता है। जबकि पुरुष टेक्नीशियन के पास जाने में वे हिचकिचाती थीं। वे समझती हैं कि मेरे पास मोबाइल छोड़कर जाने पर भी गोपनीयता बनी रहेगी।

एनजीओ ने 10 महिलाओं से मांगे आवेदन, 1600 आए
तटीय क्षेत्र को कंट्रोल करने वाले इस्लामी समूह हमास से जुड़ी सुरक्षा का हवाला देते हुए सरायेल गाजा की भूमि और समुद्री सीमाओं पर कड़ा नियंत्रण रखता है। मिस्र भी अपनी सीमा पर गाजा के अंदर और बाहर आवाजाही पर प्रतिबंध लगाता है। हम्माद की मदद करने वाले एनजीओ ने कहा कि उसने शुरुआत में 10 महिलाओं को प्रशिक्षित करने की पेशकश की थी लेकिन जब लगभग 1600 महिलाओं ने मदद के लिए आवेदन किया तो एनजीओ के सदस्य हैरान रह गए।