सार
Year Ender 2024: आपदाओं और हादसों के अलावा 2024 कई कट्टरपंथी देशों के कानूनों के तहत मौत की सजा में आई तेजी की वजह से भी जाना जाएगा। भारत की नर्स निमिशा को यमन में मिले सजा-ए-मौत को बरकरार रखे जाने का मामला तूल पकड़ने के बाद दुनिया के देशों में मृत्युदंड को लेकर आई तेजी भी सुर्खियों में है। सऊदी अरब ने 2024 में रिकॉर्डतोड़ मौतों की सजा सुनाई है। सऊदी अरब, चीन और ईरान के बाद सबसे अधिक मौत की सजा देने वाला तीसरा देश बन गया है। अगर आंकड़ों की मानें तो यहां हर रोज एक फांसी की सजा हुई है। हालांकि, आधिकारिक आंकड़े अधिक भी हो सकते हैं।
2024 में सबसे अधिक सजा-ए-मौत का मामला सऊदी अरब में...
सऊदी अरब ने इस साल 2024 में 303 से ज़्यादा लोगों को मौत की सज़ा दी है। यह आंकड़ा पिछले रिकॉर्ड के आधार पर सामने आए हैं। हालांकि, सितंबर 2024 तक सरकारी आंकड़े 200 से अधिक थे। सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, गल्फ शासन ने सितंबर के अंत तक 200 बार मौत की सज़ा लागू की थी। मानवाधिकार संगठनों ने उस समय ही मौत की सजा में आई तेजी पर चिंता जताया था। एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, सऊदी अरब 2023 में चीन और ईरान के बाद दुनिया में तीसरे सबसे ज़्यादा कैदियों को मौत की सज़ा देने वाला देश है।
तीन साल से मौत की सजा का ग्राफ बढ़ता जा रहा
एक इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स आर्गेनाइजेशन ने बताया कि सऊदी अरब में फांसी की सजा या मौत की सजा का ग्राफ पिछले कुछ सालों में बढ़ता ही जा रहा। सऊदी शासन ने 2022 में 196 लोगों को सजा-ए-मौत दी थी। जबकि उसके अगले साल यानी 2023 में 170 लोगों को फांसी दी गई थी। लेकिन 2024 में यह आंकड़ा बेतहाशा बढ़ा। यूरोपीय सऊदी मानवाधिकार संगठन (ESOHR) के कानूनी निदेशक ताहा अल-हज्जी ने दावा किया है कि 2024 में आंकड़े दुगुना हो गए। यह काफी चिंतनीय है। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने दिसंबर के शुरूआत तक 303 लोगों से अधिक लोगों को सजा-ए-मौत दे दी थी। यह प्रतिदिन एक फांसी का रेट है।
उधर, अंतरराष्ट्रीय आलोचना झेल रहे सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने दावा किया कि उनके यहां रेयर केस के अलावा मौत की सजा को समाप्त कर दिया गया है।
1980 में एक साथ 63 लोगों का सर कलम
एक न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, सऊदी अरब में मौत की सजा बहुत आम है। 1980 में इस्लाम के सबसे पवित्र स्थान मक्का में ग्रैंड मस्जिद पर इस्लामी आतंकवादियों द्वारा कब्जा किए जाने के बाद 63 लोगों का सिर कलम कर दिया गया था।
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