सार
ज़ाम्बिया में दूषित मक्के के आटे से 400 से ज़्यादा कुत्तों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने जांच शुरू कर दी है और मक्के के आटे में खतरनाक फफूंद की मौजूदगी पाई है।
लुसाका: ज़ाम्बिया में दूषित मक्के का आटा खाने से 400 से ज़्यादा पालतू कुत्तों की मौत हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और लोगों को मक्के का आटा खाने से पहले सावधानी बरतने की सलाह दी है। एक महीने के अंदर इतनी बड़ी संख्या में कुत्तों की मौत के बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की जांच शुरू की। जांच के दौरान मक्के के आटे के 25 नमूनों में खतरनाक फफूंद की मौजूदगी पाई गई है, जिसके बाद सरकार ने लोगों को अलर्ट रहने को कहा है। मक्के के आटे में पाया जाने वाला यह फफूंद अफ्लाटॉक्सिन नामक जहरीला पदार्थ पैदा करता है, जो इंसानों और जानवरों दोनों के लिए खतरनाक होता है।
स्वास्थ्य मंत्री एलिजा मुचिमा ने बताया कि ज़ाम्बिया में मक्का लोगों का मुख्य आहार है, इसलिए यह चिंता का विषय है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अफ्लाटॉक्सिन एक जहरीला पदार्थ है जो लीवर कैंसर का कारण बन सकता है।
इस घटना के बाद से मक्के की प्रोडक्शन सप्लाई की कड़ी निगरानी की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, मक्के के आटे से बने कुत्ते के भोजन को खाने से कुत्तों की मौत हुई है। ऐसा माना जा रहा है कि मक्के को पीसने के दौरान निकलने वाले पदार्थों से कुत्तों का भोजन बनाया जाता है।
स्वास्थ्य विभाग अब दूषित मक्के को खोजकर उसे नष्ट करने का काम कर रहा है। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि जलवायु परिवर्तन के कारण मक्के की फसल बुरी तरह प्रभावित हुई है। देश की 60 प्रतिशत आबादी का मुख्य भोजन मक्का है। भीषण सूखे ने मक्के की फसल को बुरी तरह प्रभावित किया है। इसके बाद अब फफूंद का कहर देखने को मिल रहा है। विपक्ष के नेता संडे चांदा ने एक्स पर बताया कि उनके 6 कुत्तों की मौत दूषित मक्के का आटा खाने से हुई है।