शनिदेव मनुष्य को उसके हर अच्छे-बुरे कर्मों का फल देते हैं, इसलिए उन्हें न्यायाधीश कहा जाता है। जिन लोगों पर शनि की साढ़ेसाती और ढय्या का असर होता है, उन्हें इस दौरान अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार, मनुष्य का शरीर पंच तत्वों (वायु, अग्नि, पृथ्वी, जल और आकाश) से बना है। इन सभी में जल को सबसे अधिक महत्वपूर्ण माना गया है क्योंकि जल के बिना जीवन संभव ही नहीं है।
श्रावण मास में भगवान शिव के अलग-अलग अवतारों की पूजा का विशेष महत्व है। बहुत कम लोग शिव के इन अवतारों को जानते हैं।
Shani Pradosh 2022: भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए महीने में कई व्रत-त्योहार मनाए जाते हैं। ऐसा ही एक व्रत है प्रदोष। ये व्रत प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है। विभिन्न वारों के साथ मिलकर ये अलग-अलग योग बनाता है।
Aaj Ka Panchang: 5 नवंबर, शनिवार को उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा हर्षण और वज्र नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:24 से 10:47 तक रहेगा।