सार
किसी व्यक्ति को भविष्य में सफलता और सुख मिलेगा या नहीं, ये आज के कर्मों पर निर्भर करता है। जो लोग वर्तमान में सही ढंग से काम करते हैं, उन्हें भविष्य में सकारात्मक फल मिलने की संभावनाएं ज्यादा होती हैं। शास्त्रों में बताई गई बातों का ध्यान रखा जाए तो हम बहुत सी परेशानियों से बच सकते हैं।
उज्जैन. गीताप्रेस गोरखपुर द्वारा प्रकाशित संक्षिप्त गरुड़ पुराण (Garuda Purana) के नीतिसार अध्याय में सुखी और सफल जीवन के लिए बहुत सी नीतियां बताई गई हैं। इस पुराण में बताया गया है कि किन कारणों से कोई व्यक्ति सफलता प्राप्त नहीं कर पाता है और बुरे समय का सामना करना पड़ता है। जानिए ये बातें कौन-कौन सी हैं...
1. अज्ञान
किसी भी काम में सफलता पाने के लिए सही ज्ञान होना आवश्यक है। अज्ञान या अधूरा ज्ञान हमेशा परेशानियों का कारण बनता है। अत: व्यक्ति को सदैव ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए। सभी प्रकार की जानकारी होगी तो हमारा दिमाग अच्छे-बुरे समय में सही निर्णय ले सकेगा।
2. अहंकार
अहंकार यानी खुद को श्रेष्ठ समझना और दूसरों को नाकाबिल समझना। जो लोग सिर्फ मैं या अहं के भाव के साथ जीते हैं, वे जीवन में कभी भी सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं। यदि किसी काम में सफलता मिल भी जाती है तो वह स्थाई नहीं होती है। अहं की भावना व्यक्ति के पतन का कारण बनती है।
3. अत्यधिक मोह
किसी भी चीज में बहुत ज्यादा मोह होना भी परेशानियों का कारण बन जाता है। कई लोग मोह के कारण सही और गलत का भेद भूल जाते हैं। मोह के कारण दूसरों की गलतियां भी नजरअंदाज करनी पड़ती है और उसकी हर बात भी माननी पड़ती है। ये सभी चीजें निकट भविष्य में नुकसान पहुंचा सकती है।
4. क्रोध
जब किसी व्यक्ति के मन की बात पूरी नहीं हो पाती है तो उसे क्रोध आना स्वभाविक है। जो लोग इस क्रोध को संभाल लेते हैं, वे निकट भविष्य में कार्यों में सफलता भी प्राप्त कर लेते हैं। जबकि, जो लोग क्रोध को संभाल नहीं पाते हैं और इसके आवेश में गलत काम कर देते हैं, वे परेशानियों का सामना करते हैं।
5. असुरक्षा की भावना
जिन लोगों में असुरक्षा की भावना होती है, वे किसी भी काम को पूरी एकाग्रता से नहीं कर पाते हैं। हर पल स्वयं को असुरक्षित महसूस करते हैं और खुद को सुरक्षित करने के लिए सोचते रहते हैं। ये भावना उन्हें अपने काम के प्रति समर्पण से रोकती है और इसी वजह से उसे सफलता मिलने में संदेह बना रहता है।
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