विदुर महाभारत के अहम पात्रों में से एक हैं। विदुर नीति के अंतर्गत नीति सिद्धांतों का सुंदर वर्णन है। महर्षि वेदव्यास रचित महाभारत के उद्योग पर्व में विदुर नीति का वर्णन मिलता है।
उज्जैन. विदुर ने श्लोक के जरिए मनुष्य के सुखी जीवन का सार बताने की कोशिश की है। मान्यता के अनुसार, जो विदुर नीति का पालन अपने जीवन में अपना लेता है तो संसार में उससे सुखी और कोई नहीं हो सकता है। आगे जानिए विदुर की ऐसी ही नीतियां…
नीति- 1
आचार्य विदुर के अनुसार, जो व्यक्ति हमेशा धर्म की राह पर चलता है तो वह कभी कुछ बुरा नहीं कह सकता। इसका मतलब यह है कि अगर आपको जीवन में सुख-शांति चाहिए तो धर्म की राह पर चलें। इससे ना सिर्फ आपका भला होगा बल्कि दूसरों का भी कल्याण होगा।
नीति- 2
सभी लोग अपने जीवन में गलतियां करते हैं। लेकिन समझदार व्यक्ति वह होता है जो गलती को क्षमा कर जीवन में आगे बढ़ जाता है। किसी की गलती पर मन में गांठ बांध लेने से हमेशा संबंध खराब होते हैं और आप खुद के साथ-साथ दूसरों को भी दुखी रखते हैं। लेकिन क्षमा भाव सर्वोच्च होता है।
नीति- 3
व्यक्ति का सबसे बड़ा ज्ञान ही उसका धन है। ऐसे व्यक्ति जो किसी लालच के बिना अपने ज्ञान से ही हमेशा संतोष करते हैं तो संसार में उनसे ज्यादा कोई सुखी नहीं है। ज्ञान होने पर ही व्यक्ति सुखी जीवन व्यतीत करता है। अज्ञानता अंधकार के सामने है।
नीति- 4
जो व्यक्ति हमेशा शांति के साथ अहिंसा की राह पर चलता हुए अपना जीवन व्यतीत करता है, वह सबसे सुखी रहता है। ऐसे व्यक्ति का जीवन हमेशा प्रेम भाव के साथ-साथ अच्छे कामों में व्यतीत होता है।
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